तंजानिया में विदेश मंत्री ने जांजीबार में स्टोन टाउन का दौरा किया। इस दौरान जयशंकर ने जांजीबार में राष्ट्रपति हुसैन अली म्विनी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर आयोजित डेक रिसेप्शन में भाग लिया। तंजानिया में भारतीय समुदाय के सदस्यों से बात करते हुए जयशंकर ने अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर तंजानिया दौरे पर है। इस दौरान यहां उन्होंने भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि वे तंजानिया के शीर्ष नेतृत्व से बात करने के लिए उत्सुक हैं। विदेश मंत्री चार दिवसीय दौरे पर गुरुवार को तंजानिया पहुंचे थे।
राष्ट्रपति से की मुलाकात
तंजानिया में विदेश मंत्री ने जांजीबार में स्टोन टाउन का दौरा किया। इस दौरान जयशंकर ने जांजीबार में राष्ट्रपति हुसैन अली म्विनी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर आयोजित डेक रिसेप्शन में भाग लिया। तंजानिया में भारतीय समुदाय के सदस्यों से बात करते हुए जयशंकर ने अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया। उन्होंने कहा कि आईटी (भारत-तंजानिया) मिशन आज दोनों देश की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं को संबोधित करता है। इस दौरान उन्होंने भारत-अफ्रीका द्वारा साझा किए गए संबंधों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं। भारत-तंजानिया संबंधों के केंद्र में भावना की एकजुटता और हितों की पारस्परिकता है। भारतीय समुदाय ऐतिहासिक रूप से दोनों देशों के बीच संबंधों की ताकत का मुख्य स्रोत रहा है।
वैश्विक व्यवस्था के लिए हम मिलकर काम करें
भारतीयों से उन्होंने कहा कि आप सभी तंजानिया में रहते हैं। तंजानिया में काम करते हैं। तंजानिया जाने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों के रूप में मुझे लगता है कि आप अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं। क्योंकि हम दोनों देशों की दोस्ती, हमारे रिश्ते, हमारी साझेदारी आपके रोजमर्रा जीवन में बदलाव लाएगी। पूर्वी अफ्रीका और तंजानिया के साथ भारत के संबंधों पर उन्होंने कहा कि हमारे रिश्तों का दिल वास्तव में भावना और दृष्टिकोण की एक निश्चित एकजुटता है। हम कई वर्षों से विभिन्न मंचों पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। हम विकासशील देश हैं। वैश्विक व्यवस्था के लिए हमें मिलकर काम करने की कोशिश की है।
भारतीय परियोजनाओं से आठ मिलियन लोगों को फायदा
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की जल परियोजनाओं के कारण अफ्रीकी देशों के 8 मिलियन लोगों को फायदा होगा। जयशंकर ने बताया कि मैं जांजीबार में किदुतानी नाम के एक इलाके में गया था, जहां एक जल परियोजना है। जल परियोजना जब वहां पूरी हो जाएगी तो जांजीबार के आठ मिलियन लोगों को पीने का पानी उपलब्ध होगा। बता दें, भारत जिन छह परियोजनाओं में शामिल है, उनसे दस लाख जांजीबारियों को पीने का पानी मिलेगा।