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सोशल मीडिया पर सामग्री को लेकर दबाव नहीं बना पाएगी बाइडन सरकार, अमेरिकी कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

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संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अदालत ने फैसला सुनाया कि बाइडन प्रशासन सोशल मीडिया पर मौजूद किसी भी सामग्री के लिए दवाब नहीं डाल सकता। कोर्ट ने प्रशासन को दूर रहने के आदेश दिए हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अदालत ने फैसला सुनाया कि बाइडन प्रशासन सोशल मीडिया पर मौजूद किसी भी सामग्री के लिए दबाव नहीं डाल सकता और न नियंत्रित कर सकता है। कोर्ट ने प्रशासन को कंपनियों से दूर रहने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश टेरी डौटी ने लुइसियाना और मिसौरी में रिपब्लिकन अटॉर्नी जनरल द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं ने बाइडन प्रशासन पर सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी कंपनियों पर सेंसरशिप लगाने का आरोप लगाया था।

बाइडन पर ये लगे आरोप
मुकदमा मूल रूप से मिसौरी के अटॉर्नी जनरल एरिक श्मिट और लुइसियाना अटॉर्नी जनरल जेफ लैंड्री द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने बाइडन प्रशासन पर आरोप लगाया गया था कि बाइडन प्रशासन के सरकारी अधिकारी गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने की आड़ में रूढ़िवादी सोच को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ मिलीभगत कर रहे है, जिसमें कोरोना महामारी से जुड़े पोस्ट भी शामिल थे। श्मिट को नवंबर में अमेरिकी सीनेट के लिए चुना गया। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र भाषण की जीत है।

मिसौरी के रिपब्लिकन सीनेटर एरिक श्मिट ने कहा कि बाइडन प्रशासन पर यह एक बड़ी जीत है और सेंसरशिप के लिए एक झटका है। वहीं लुइसियाना के पश्चिमी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय के जज टेरी ए डौटी का यह आदेश सभी मुद्दों के लिए नहीं है। अगर प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा और आपराधिक गतिविधि को लेकर आपत्ति हुई तो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ संवाद कर सकता है।

व्हाइट हाउस ने कहा अदालत के आदेश की समीक्षा कर रहे हैं
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि न्याय विभाग अदालत के आदेश की समीक्षा कर रहा है और इसके विकल्पों का मूल्यांकन करेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि प्रशासन नियमित रूप से सोशल मीडिया कंपनियों को मानव तस्करी या आतंकवाद या किसी और अवैध गतिविधि के बारे में सचेत करता है, आगे कहा कि हम फैसले को लेकर जल्द उत्तर देंगे।

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