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टायर खराब होने की वजह से एक हजार वाहनों को प्रवेश से रोका गया, सात जिले की टीमें तैनात

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यह एक्सप्रेसवे नागपुर से नासिक तक 601 किलोमीटर है। बीते शनिवार को एक भीषण बस दुर्घटना हुई थी, जिसमें 25 लोगों की जलकर मौत हो गई थी।

एक अप्रैल से 30 जून के बीच टायर खराब होने के कारण लगभग एक हजार वाहनों को समृद्धि एक्सप्रेसवे पर प्रवेश से रोक दिया गया।

यह एक्सप्रेसवे नागपुर से नासिक तक 601 किलोमीटर है। बीते शनिवार को एक भीषण बस दुर्घटना हुई थी, जिसमें 25 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। महाराष्ट्र के सड़क सुरक्षा सेल द्वारा साझा किए गए कार्रवाई के आंकड़ों के अनुसार, आठ आरटीओ कार्यालयों की टीमों ने 21,053 मोटर चालकों को परामर्श दिया और इस साल 1 अप्रैल से समृद्धि एक्सप्रेसवे पर घिसे हुए टायरों के कारण 973 वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

सात जिले की लगाई टीमें
टीमें अमरावती, औरंगाबाद, वाशिम, बुलढाणा, जालना, श्रीरामपुर और नासिक आरटीओ से थीं। कुल 234 मोटर चालकों को तेज गति से गाड़ी चलाने पर रोका गया। 77 वाहनों का 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की वजह से चालान किया गया। डिप्टी कमिश्नर (सड़क सुरक्षा) भरत कालस्कर ने कहा कि आरटीओ इंटरसेप्टर वाहनों के साथ-साथ कम्प्यूटरीकृत प्रणाली का उपयोग करके कार्रवाई की गई, प्रवेश बिंदुओं पर घिसे-पिटे टायरों की जांच की गई और निकास द्वारों पर उल्लंघन के लिए कार्रवाई की गई। कलास्कर ने कहा कि हाईस्पीड में चलने वाले वाहनों की जानकारी कंप्यूटर द्वारा लगाई जा रही हैं। ऐसे वाहनों को टोल प्लाजा पर रोक दिया जाता है। वाहनों की जांच के लिए इंटरसेप्टर को भी लगाया गया है।

‘नो पार्किंग’ उल्लंघन में काटे गए चालान 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल 3169 मोटर चालकों को ‘नो पार्किंग’ उल्लंघन में कार्रवाई की गई। 2204 को ‘लेन कटिंग’ के लिए और 1043 को रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगाने के लिए कार्रवाई का सामना करना पड़ा। हाईस्पीड में चलने वाले वाहनों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई। आरटीओ की टीमों ने नो पार्किंग और लेन तोड़कर चलने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की।

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