CISA के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट डायरेक्टर एरिक गोल्डस्टेन ने बयान जारी कर बताया कि फिलहाल वह यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि हैकिंग से कितना नुकसान हुआ है और उसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका के साथ ही ब्रिटेन और कई अन्य देशों के सिस्टम भी MOVEit Transfer सॉफ्टवेयर में सेंधमारी से प्रभावित हुए हैं। दरअसल MOVEit Transfer के डेवलपर्स प्रोग्रेस सॉफ्टवेयर ने बीते माह ही सुरक्षा में गड़बड़ी का खुलासा किया था। जिसके बाद से हैकिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। CISA के एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट डायरेक्टर एरिक गोल्डस्टेन ने बयान जारी कर बताया कि फिलहाल वह यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि हैकिंग से कितना नुकसान हुआ है और उसे ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कंपनी ने अमेरिकी संघीय एजेंसियों को हुए नुकसान का खुलासा नहीं किया है।
दुनिया भर में हुए साइबर हमले
बता दें कि ब्रिटिश ऊर्जा दिग्गज कंपनी शेल, जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, जॉन हॉपकिंस हेल्थ सिस्टम, जॉर्जिया यूनिवर्सिटी सिस्टम पर भी हैकर्स ने हमला किया है। शेल कंपनी की प्रवक्ता एन्ना एरटा ने बताया कि MOVEit Transfer हमारी कंपनी के कुछ ही कर्मचारियों और ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। शेल कंपनी के मुख्य आईटी सिस्टम पर इस साइबर हमले का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी का नेटवर्क इस साइबर हमले से प्रभावित हुआ है। वहीं यूनिवर्सिटी सिस्टम ऑफ जॉर्जिया ने बताया कि वह साइबर हमले से हुए नुकसान का फिलहाल आकलन कर रहे हैं। बीते हफ्ते ही ब्रिटेन टेलीकॉम रेगुलेटर, ब्रिटिश एयरवेज, बीबीसी, ड्रग स्टोर चेन बूट्स पर भी साइबर हमला हुआ था।
किस काम आता है सॉफ्टवेयर
बता दें कि MOVEit Transfer सॉफ्टवेयर आमतौर पर फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि वह संघीय एजेंसियों के संपर्क में हैं और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।