डॉ. जयशंकर ने कहा कि ‘यह एक गंभीर मुद्दा है। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वोटबैंक की राजनीति के अलावा ऐसा करने की क्या जरूरत है।
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक झांकी में खालिस्तान समर्थकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या की घटना का जश्न मनाया गया। अब इसे लेकर कनाडा सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। भारत ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाया है। केंद्रीय राज्यमंत्री मनीक्षी लेखी ने कनाडा सरकार से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चेताया है कि कनाडा के साथ भारत के संबंध खराब भी हो सकते हैं।
विदेश राज्यमंत्री ने की कार्रवाई की मांग
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने गुरुवार को कनाडा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ‘एक अपराध का जश्न नहीं मनाया जा सकता। कोई भी हत्या की घटना एक अपराध है और एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में इसका बिल्कुल भी जश्न नहीं मनाया जा सकता। यह सब कनाडा में हुआ है और यह कनाडा सरकार की कानून व्यवस्था के अंतर्गत आता है, ऐसे में कनाडा सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को दी हिदायत
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी झांकी के मामले पर कनाडा सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। डॉ. जयशंकर ने कहा कि ‘यह एक गंभीर मुद्दा है। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वोटबैंक की राजनीति के अलावा ऐसा करने की क्या जरूरत है। मुझे लगता है कि यह एक बड़ा मुद्दा है, जिसके तहत अलगाववादियों, कट्टरपंथियों और हिंसा के समर्थक लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह दोनों देशों के रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है, साथ ही कनाडा के लिए भी यह अच्छा नहीं है।’
बता दें कि इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने पर कांग्रेस ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खालिस्तान समर्थकों की करतूत की तीखी आलोचना की। सुरजेवाला ने कहा कि श्रीमति गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह समेत हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है। बता दें कि कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में निकाले गए एक जुलूस में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने वाली एक झांकी भी शामिल की गुई थी, जिसमें इंदिरा गांधी को उनके अंगरक्षकों द्वारा गोली मारते हुए दिखाया गया है। सोशल मीडिया पर भी इसकी तीखी आलोचना हुई।
इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से आंतकियों को निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया था। इसी ऑपरेशन के विरोध में इंदिरा गांधी के अंगरक्षकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।