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लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी

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भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो रेट में इजाफा न करने का फैसला किया। यानी ब्याज दर 6.50% बनी रहेगी। लगातार दूसरी बार RBI ने दरों में बदलाव नहीं किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी दी।

RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है। Q1 में 8%, Q2 में 6.5%, Q3 में 6% और Q4 में 5.7% GDP रह सकती है।

RBI ने 6 बार में दरें 2.50% बढ़ाई
RBI ने मई 2022 से फरवरी 2023 तक 6 बार में दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है। अप्रैल में रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया था। उससे पहले फरवरी में दरों को 6.25% से बढ़ाकर 6.50% किया गया था। मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग हर दो महीने में होती है।

 

रेपो रेट में बदलाव न होने से लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

2023-24 में रियल GDP ग्रोथ 6.5% रह सकती है
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने GDP को लेकर कहा कि भारत की वित्त वर्ष 2023 में रियल GDP 7.2% देखने को मिली जो पहले के 7% के अनुमान से ज्यादा मजबूत है। सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए, 2023-24 के लिए रियल GDP ग्रोथ 6.5% देखने को मिल सकती है।

महंगाई को लेकर चिंता और अनिश्चितता बरकरार
RBI गवर्नर ने कहा कि महंगाई को लेकर चिंता और अनिश्चितता अभी भी बरकरार है। RBI के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में महंगाई 4% के ऊपर ही रहने की संभावना है। RBI ने महंगाई अनुमान को FY24 में 5.2% से घटाकर 5.1% किया है।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई पर अर्जुन की नजर बनाए रखने की जरूरत को दोहराया। उन्होंने कहा कि महंगाई अभी भी 4% के टारगेट से ऊपर बनी हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि यात्रा का अंतिम चरण हमेशा सबसे कठिन होता है।

जानिए महंगाई के आंकड़े क्या कहते हैं?

1. अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.70%
अप्रैल में रिटेल महंगाई दर घटकर 4.70% पर आ गई है। मार्च में महंगाई दर 5.66% रही थी। ये लगातार तीसरा महीना था जब महंगाई दर में कमी आई थी। इतना ही नहीं रिटेल महंगाई का अक्टूबर 2021 से ये सबसे निचला स्तर भी था। खाने-पीने के सामान के दामों में गिरावट, बिजली और ईंधन की महंगाई घटने की वजह से रिटेल महंगाई में गिरावट देखने को मिली थी।

2. थोक महंगाई दर -0.92% रही थी
थोक महंगाई दर (WPI) अप्रैल में घटकर -0.92% पर आ गई थी। इससे पहले मार्च 2023 में थोक महंगाई दर 1.34% रही थी। फरवरी 2023 में थोक महंगाई दर 3.85% थी। ये लगातार 11वां महीना था जब होल-सेल महंगाई कम हुई थी। खाने-पीने के सामान और ईंधन और बिजली के दामों में गिरावट आने से थोक महंगाई घटी थी।

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

RBI के फैसलों पर 3 एक्सपर्ट:
1. आरबीआई का फैसला सही

कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह ने कहा- ‘दरों को स्थिर रखने का आरबीआई का फैसला सही है, क्योंकि दरों में पहले जो बढ़ोतरी की गई थी वो अभी भी सिस्टम पर प्रभाव डाल रही है। हम वर्तमान में कम महंगाई और स्टेबल ग्रोथ रेट देख रहे हैं। मोटे तौर पर, हम कैलेंडर ईयर 2024 तक दरों में कमी की उम्मीद करते हैं। हालांकि, वैश्विक झटकों का खतरा बना हुआ है।’

2. हाउसिंग डिमांड को सपोर्ट मिलेगा
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा, ‘लगातार दूसरी बार रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का फैसला सराहनी है। महंगाई अभी भी टॉलरेंस लेवल से ज्यादा बनी हुई है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में इसमें कमी आई है। हमारा मानना ​​है कि ब्याज दर पर विराम हाउसिंग डिमांड को सपोर्ट करेगा।’

3. घरों की बिक्री में गति जारी रहेगी
आर्केड ग्रुप के CMD अमित जैन ने कहा कि ‘RBI ने रेट हाइक पर रोक लगाने के अपने नीतिगत रुख को बनाए रखा है जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप है। बॉन्ड बाजार पहले से ही ठहराव का असर दिखा रहे थे। RBI का फैसला रियल एस्टेट सेक्टर और घर खरीदारों के लिए एक सकारात्मक कदम है। हम उम्मीद करते हैं कि घरों की बिक्री में गति जारी रहेगी।’

2000 के अब तक करीब 50% नोट वापस आए
RBI गवर्नर ने मॉनेटरी पॉलिसी के फैसलों की जानकारी देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस 2000 के नोटों को लेकर कहा कि अभी तक करीब 50% नोट वापस आ गए हैं। इसमें से करीब 85% नोट डिपॉजिट के रूप में वापस आए हैं। ये हमारी एक्सपेक्टेशन की लाइन में हैं। वहीं उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि नोट बदलने के लिए किसी भी तरह की हड़बड़ी न करें। बैंकों में आसानी से नोट डिपॉजिट और बदला जा रहे हैं।

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