अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर बेहतरी जारी है। लगातार 14वें महीने संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये के पार हुआ है। वहीं, साल 2017 से लेकर अब तक पांच बार जीएसटी संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि आर्थिक गतिविधियों में तेजी और चोरी रोकने का असर दिखा है। मई में जीएसटी संग्रह 1.57 लाख करोड़ रहा है। इससे पहले अब तक का रिकॉर्ड संग्रह अप्रैल, 2023 में रहा है जो 1.87 लाख करोड़ रुपये था।
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च, 2023 में 1.60 लाख करोड़ रुपये, जनवरी में 1.57 लाख करोड़ रुपये, अक्तूबर में 1.51 लाख करोड़ रुपये, अप्रैल में 1.87 लाख करोड़ और अप्रैल, 2022 में 1.67 लाख करोड़ रुपये का संग्रह मिला था। देश के जिन राज्यों में जीएसटी संग्रह मई में सबसे ज्यादा रहा है, उनमें महाराष्ट्र में 23,536 करोड़, कर्नाटक में 10,317 करोड़, गुजरात में 9,800 करोड़ और तमिलनाडु में 8,953 करोड़ रुपये हैं।
एसयूवी और दोपहिया के दम पर वाहनों की बिक्री तेज
मजबूत आर्थिक गतिविधियों के बल पर मई में वाहनों की बिक्री भी तेज रफ्तार में रही। एसयूवी और दोपहिया वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल आया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की एसयूवी में 23 फीसदी की तेजी आई है जबकि मारुति की एसयूवी में 65 फीसदी की तेजी आई है। मारुति ने इस दौरान 1.78 लाख वाहन बेचे हैं जो एक साल पहले की तुलना में 10 फीसदी अधिक है।
- कंपनी ने बताया, घरेलू बाजार में बिक्री 13 फीसदी बढ़कर 1.51 लाख रही। यात्री वाहनों की बिक्री 15 फीसदी बढ़ी। छोटी कारों की बिक्री हालांकि 30 फीसदी गिर कर 12,236 इकाई रही। कांपैक्ट कारों में 5 फीसदी का इजाफा रहा। कंपनी का निर्यात 3 फीसदी गिरकर 26,477 इकाई रहा।
बजाज ऑटो : मई में 29 फीसदी बढ़कर 3.55 लाख इकाई रही जो एक साल पहले 2.76 लाख रही थी। दोपहिया वाहनों की बिक्री 3.08 लाख रही जो एक साल पहले 2.50 लाख थी। निर्यात 1.53 लाख से घटकर 1.13 लाख पर रहा। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 80 फीसदी बढ़ी।
टाटा मोटर्स : बिक्री 2 फीसदी गिरकर 74,973 इकाई रही। यात्री ईवी की बिक्री 3,505 से 66 फीसदी बढ़कर 5,805 रही। वाणिज्यिक बिक्री में 12 फीसदी घटी है।
बिजली खपत बढ़ी
मई में बिजली खपत 1.04 फीसदी बढ़कर 136.56 अरब यूनिट पर पहुंच गई है।
अन्य कंपनियों की भी बिक्री में तेजी
कंपनी बिक्री तेजी
महिंद्रा एंड महिंद्रा 32,886 22 फीसदी
एमजी मोटर 5,006 25 फीसदी
किआ इंडिया 24,770 03 फीसदी
ह्युंडई 59,601 16 फीसदी