शिकायत मिली है कि मिथाइल प्रेडनिसोलोन आई ड्रॉप का उपयोग करने के बाद मरीजों में बैक्टीरिया संक्रमण बढ़ा है। इसी साल मार्च में कंपनी ने आईड्रॉप के दो बड़े बैच श्रीलंका निर्यात किए, लेकिन अप्रैल में वहां के तीन बड़े अस्पतालों में करीब 30 लोगों ने दवा लेने के बाद आंखों में संक्रमण की शिकायत की।
श्रीलंका के अस्पतालों में 35 मरीजों में आंखों का संक्रमण बढ़ने पर भारत निर्मित दवा की जांच शुरू हुई है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि गुजरात की फार्मा कंपनी की दवा की जांच की जा रही है।शिकायत मिली है कि मिथाइल प्रेडनिसोलोन आई ड्रॉप का उपयोग करने के बाद मरीजों में बैक्टीरिया संक्रमण बढ़ा है। इसी साल मार्च में कंपनी ने आईड्रॉप के दो बड़े बैच श्रीलंका निर्यात किए, लेकिन अप्रैल में वहां के तीन बड़े अस्पतालों में करीब 30 लोगों ने दवा लेने के बाद आंखों में संक्रमण की शिकायत की। इसके बाद श्रीलंका की सरकार ने न सिर्फ दवा पर तत्काल रोक लगाई, बल्कि उसके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी। इस बीच कंपनी ने भी अपनी दवाओं को वापस ले लिया। श्रीलंका सरकार ने 16 मई को पत्र लिखकर भारत से भी निष्पक्ष जांच की अपील की।स्वास्थ्य मंत्री ने दी है चेतावनी…हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने चेतावनी देते हुए कहा कि फार्मा उद्योग देश की साख से जुड़ा है। अगर गुणवत्ता से समझौता किया जाता है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं रहेगा और इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।