आयकर विभाग अब नई जांच की तैयारी में है। इसके तहत ऐसे आयकरदाताओं की अनिवार्य जांच की जाएगी, जिन्होंने विभाग के भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दिया है। उन मामलों की भी जांच होगी, जहां कर चोरी के संबंध में विशिष्ट जानकारी किसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों या नियामक प्राधिकरणों ने दी है।
आयकर विभाग ने रविवार को कहा, कर अधिकारियों को आय में गड़बड़ियों के बारे में आयकरदाताओं को 30 जून तक नोटिस भेजना होगा। इसके बाद आयकरदाता को इस बारे में संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे।
अधिनियम की धारा 142(1) के तहत नोटिस के जवाब में कोई रिटर्न नहीं दिया गया है तो ऐसे मामले को नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (एनएएफएसी) को भेजा जाएगा, जो आगे की कार्रवाई करेगा। आयकर विभाग ऐसे मामलों की सूची जारी करेगा, जिनमें सक्षम प्राधिकरण की छूट को रद्द या वापस किए जाने के बावजूद आयकरदाता आयकर रियायत या कटौती की मांग करता है।
30 जून तक गड़बड़ी करने वाले करदाताओं को भेजना होगा नोटिस
जीएसटी चोरी करने वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 2019-20 और उसके बाद जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (एसओपी) जारी किया है। इनका इस्तेमाल जीएसटी की एनालिटिक्स यूनिट की ओर से विभिन्न प्रकार के जोखिम के आधार पर जीएसटी रिटर्न की स्क्रूटनी करने के लिए होगा
-स्क्रूटनी के लिए जीएसटी रिटर्न का चयन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ एनालिटिक्स एंड रिस्क मैनेजमेंट करेगा।
-चुने जीएसटीआईएन से जुड़ी सभी जानकारी उससे जुड़े केंद्रीय कर अधिकारी के स्क्रूटनी बोर्ड पर दिखेगी।
-जोखिम मापदंडों की गणना के लिए डैशबोर्ड पर उपलब्ध डाटा को एक विशेष पाइंट के समय पर उत्पन्न किया गया है, इसलिए इसमें रिटर्न की जांच के समय बदलाव हो सकता है।