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मायावती आज कसेंगी पदाधिकारियों के पेंच, विधानसभा के बाद निकाय चुनाव में भी हुई है करारी हार

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इस बार का नगर निकाय चुनाव बसपा के लिए बेहद खराब रहा। पिछले चुनाव में मुस्लिम मतों के दम पर मेरठ और अलीगढ़ के मेयर के अलावा 29 नगर पालिका परिषद और 45 नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ 62 पालिका सदस्य और 218 पंचायत सदस्य पदों पर बसपा जीती थी।

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी को नगरीय निकाय चुनाव में भी बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन की समीक्षा करने और आगे की तैयारियों को पुख्ता करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि बैठक में मायावती कई अहम कदम उठा सकती हैं।इस बार का नगर निकाय चुनाव बसपा के लिए बेहद खराब रहा। पिछले चुनाव में मुस्लिम मतों के दम पर मेरठ और अलीगढ़ के मेयर के अलावा 29 नगर पालिका परिषद और 45 नगर पंचायत अध्यक्ष के साथ 62 पालिका सदस्य और 218 पंचायत सदस्य पदों पर बसपा जीती थी। इस बार भी बसपा ने मुस्लिमों पर बड़ा दांव लगाया था। 11 मुस्लिम उम्मीदवार महापौर के लिए मैदान में उतारे थे। इसके बावजूद बसपा को इस बार एक भी महापौर पद पर विजय नहीं मिली। पार्टी को पिछली बार से 5.49 प्रतिशत कम वोट मिला है। पिछली बार बसपा को जहां 14.30 प्रतिशत वोट मिले थे वहीं अबकी 8.81 प्रतिशत ही रह गए हैं। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष भी घटकर 16 और नगर पंचायत अध्यक्ष 37 ही रह गए हैं। पार्षद व सदस्य मिलाकर पार्टी के कुल 544 प्रत्याशी ही जीते हैं। यह हाल तो तब रहा जब इस चुनाव को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था और इसी आधार पर सभी दलों ने अपनी तैयारियों को धार दी थी। इससे पहले विधानसभा चुनाव में भी बसपा को मात्र एक ही सीट मिली।मायावती निकाय चुनाव के परिणाम से नाराज हैं और इसका असर आना शुरू हो गया है। मेरठ के मंडल प्रभारी प्रशांत गौतम पर सबसे पहले गाज गिराते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। माना जा रहा है कि बृहस्पतिवार को बुलाई गई बैठक में भी किसी पर गाज गिर सकती है। इस बैठक में जोनल कोआर्डिनेटरों के साथ ही मुख्य मंडल प्रभारी, जिला बाममसेफ संयोजक और सभी जिलाध्यक्ष बुलाए गए हैं।

लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए बैठक बुलाई: मायावती
मायावती ने ट्वीट के जरिए कहा कि सत्ताधारी पार्टी द्वारा जनविरोधी नीतियों, गलत कार्यकलापों आदि कमियों का चुनाव पर प्रभाव कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। इनका द्वेषपूर्ण, दमनकारी व्यवहार एवं धर्म का राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल अति गंभीर व चिंताजनक है। यह लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि इस जन विरोधी चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने के लिए ठोस रणनीति बनाकर लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी करने को यूपी के सभी छोटे बड़े पदाधिकारियों की विशेष बैठक बुलाई है।

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