इटावा जिले में मम्मी-पापा के लाड़ले छोटू उर्फ लव का शव उनके ही साथ बुधवार सुबह पहुंचा, तो कोहराम मच गया। रोते-बिलखते परिजन बस यही कह रहे थे कि सबको हंसते खेलते लाने का वादा करके अनिल क्यों बच्चों को अपने साथ लेकर चला गया।
फतेहपुर के जहानाबाद में हुए हादसे में शहर के बंगाली कॉलोनी निवासी अनिल, उसकी पत्नी यशोदा, बेटी पल्लवी और सबसे छोटा लाड़ला बेटा छोटू उर्फ लव की हादसे में मौत हो गई थी। रात में हादसे की जानकारी के बाद परिवार के बेहाल थे। रातभर पूरा घर चीत्कारों से गूंजता रहा।
करीब छह बजे शव पहुंचे, तो सिसकियां चीखों में बदल गई। चिल्ला-चिल्ला कर परिजन रोने लगे। भाभी श्रीकांता रोते-रोते बस यही कह रही थी कि ससुराल जाते वक्त, तो वादा किया था। फिर हंसते खेलते जल्दी वापस आएंगे। छोटू के शव से लिपटकर फफकने लोगी।
उठ जा मेरे लाल, ताई तुझे खिला रही है
बोली- जाग जा मेरे लाल…देख ताई तुझे खिला रही है…हर बार तो चाची की गोद में आकर खिलखिला उठता था, आज क्या हुआ, उठ जा मेरे लाल। वहीं, अनिल का भाई राजू कह रहा था, किसी ने भी ऐसे कंधों पर तुझे लाने की नहीं सोची थी…उठ जा मेरे भाई।
एक बजे हुए तीनों का अंतिम संस्कार
अन्य भाई सुरेश, राजेश सतीश भी रो-रोकर यही कह रहे थे कि हम सब बड़े थे तुझे इतनी जल्दी जाने की क्या थी। प्रभु हम में से किसी को उठा लेता। करीब छह घंटे तक तीनों के शव घर पर ही रखे रहे। इसके बाद श्मशान घाट ले जाए गए। यहां लगभग एक बजे तीनों का अंतिम संस्कार किया गया।
चार बेटियों के बाद छोटू ने भरी थी गोद
अनिल और यशोदा के चार बेटियां थीं। सबसे बड़ी पायल (10), प्रियांशी (8), सौम्या (7), पल्लवी (3) बेटियां थीं। ऐसे में दोनों को एक बेटे की चाहत थी। इसके लिए उन्होंने कई मंदिरों और दरगाहों में मन्नतें भी मांगीं। लगभग दो साल पहले अनिल अपनी पत्नी के साथ ससुराल मूसानगर के शिव मंदिर में दर्शन करने गया था।
मन्नतों से हुआ था बेटा
यहां पर भी दोनों ने बेटा होने की मन्नत मांगी थी। इसके बाद ही यशोदा गर्भवती हो गई थी। ऐसे में छोटू के छह माह होने के बाद करीब डेढ़ माह पहले दोनों ने इसी मंदिर में मुंडन कराकर मन्नत पूरी करने के लिए का धन्यवाद दिया था। सास-ससुर के दबाव बनाने पर अनिल परिवार के साथ वहीं रुक गया था।
टैंकर की टक्कर से चली गई 10 लोगों की जान
फतेहपुर में मुगलमार्ग हाईवे से टैंकर लहराते हुए निकला, तो उसे देखकर लोग बोले कि यह चालक किसी का काल बनेगा। कुछ देर बाद ही ग्रामीणों में खबर लगी कि टैंकर चालक ने बड़ा हादसा कर दिया है। ऑटो सवारों के लिए टैंकर यमदूत बनकर गुजरा। टैंकर की टक्कर से ऑटो सवार 10 लोगों की जान चली गई।
रोड पर लहरा था टैंकर
जहानाबाद थाने के चिल्ली मोड़ के पास खास आबादी नहीं है। यहां गांव वालों के खेत हैं। लोग खेत से दोपहर को लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शी ज्ञानेंद्र, उमेश, अनिल, राधेलाल ने बताया कि चालक टैंकर को पूरी रोड में लहराते जा रहा था। उन लोगों ने टैंकर को करीब हादसे से पहले आधा किलोमीटर दूर देखा था।
हादसे के बाद चालक हुआ फरार
टैंकर चालक नशे में समझ आ रहा था। उसे देखकर वह लोग भी रोड से नीचे उतर गए थे। वह पूरी रोड में एक साइड से दूसरी ओर पहुंच जा रहा था। ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि किसी न किसी के लिए टैंकर का चालक काल साबित होगा। चालक हादसा स्थल से आगे फतेहपुर कानपुर सीमा के पहले महाविद्यालय के पास टैंकर छोड़कर चालक भाग निकला।