भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ने रविवार को कहा कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण की अनिवार्यता महसूस हो रही है। इसके लिए कानून बनाना बहुत जरूरी है। हिंदू समाज समय-समय पर सहिष्णुता और धैर्य की सबसे कठिन परीक्षा देता रहा है।
अपने गृह जिला बेगूसराय के भ्रमण पर आए प्रो. सिन्हा ने देश के कुछ शहरों में हाल में हुए उपद्रव पर कहा कि पथराव और आगजनी समाधान तथा संवाद के रास्ते को ध्वस्त कर देता है और दूसरा रास्ता खोलता है। हम मध्ययुग में नहीं हैं, यह ध्यान में रहना चाहिए। पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा, बलात्कार, संपत्ति पर कब्जा, जबरन धर्म परिवर्तन, हत्या की घटनाएं इस्लामिक मानवाधिकार की परिभाषा में नहीं आती हैं। इनको इस्लाम में पुरुषार्थ के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ हिंदुओं की ऐतिहासिक धरोहर है और ज्ञानवापी काशी विश्वनाथ का ही हिस्सा है। कालांतर में मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई। उसे मुक्त कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके साथ ही देश में हिंदुओं के अन्य जो भी ऐतिहासिक धरोहर हैं, उन्हें भी मुक्त कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है। धर्मांतरण संविधान एवं प्रावधानों के खिलाफ है।
प्रो. सिन्हा ने हिंदुओं को वैश्विक अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपने सभी देशों से अपेक्षा रखता है कि अल्पसंख्यक समाज को अपने धर्म के पालन करने स्वतंत्रता हो एवं उन्हें संरक्षण तथा सुरक्षा दी जाए। अपने सिद्धांतों के आधार पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने हिंदुओं को वैश्विक स्तर पर ग्लोबल माइनॉरिटी घोषित किया है। प्रायः सभी देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। उनको अपने धर्म का पालन करने का अधिकार दिलवाने में वैश्विक स्तर पर प्रयास करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ यदि ऐसा नहीं करता है तो वह दोहरा मापदंड अपना रहा है।