याचिका में कहा गया है कि इस मामले में अलीपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से 29 अगस्त 2019 को शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
भारतीय टीम के दिग्गज तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, शमी की पत्नी हसीन जहां ने इस क्रिकेटर की गिरफ्तारी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें शमी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर सत्र न्यायालय की रोक को बरकरार रखा गया था।
गौरतलब है कि शमी की पत्नी ने अपने वकील दीपक प्रकाश, नचिकेत वाजपेयी और दिव्यांगना मलिक वाजपेयी के जरिए यह याचिका दायर करवाई है। इसमें आरोप है कि शमी उनसे दहेज की मांग करते थे और बीसीसीआई से जुड़े दौरों पर बोर्ड की तरफ से मुहैया कराए गए कमरों में वैश्याओं के साथ अवैध संबंधों में शामिल रहे।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले में अलीपुर की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत की तरफ से 29 अगस्त 2019 को शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। हालांकि, शमी ने इस फैसले को सत्र न्यायालय के सामने चुनौती दी थी, जिसने गिरफ्तारी वारंट और पूरे मामले में आगे की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इसके बाद हसीन जहां ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उच्च न्यायालय ने भी गिरफ्तारी वारंट पर लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया।
हसीन जहां की याचिका में कहा गया है कि कानून के तहत किसी मशहूर हस्ती को कोई विशेष स्थान नहीं मिलना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट का आदेश साफ तौर पर कानून के लिहाज से गलत है, जो कि स्पीडी ट्रायल के अधिकार को तवज्जो देता है। उन्होंने कहा है कि क्रिकेटर के मामले में चार साल से मामला आगे नहीं बढ़ा है।