उत्तर प्रदेश के जिला गाजियाबाद में चार वर्षीय मासूम बच्ची की रेप, हत्या के बाद मुंहबोले फूफा ने उसके शव को पूजा वाले कमरे में छिपाया था। बाहर से कुंडी बंद करके ताला लगा दिया। करीब 14 घंटे तक शव इसी कमरे में पड़ा था। फिर आधी रात को दोस्त की मदद से प्लास्टिक के थैले में शव रखकर दो किलोमीटर दूर फेंक आया। दोनों हत्यारोपी मंगलवार को जेल जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में लगभग सभी साक्ष्य हमारे पास मौजूद हैं, जल्द चार्जशीट लगाई जाएगी ताकि आरोपी को सजा मिलने में देरी न हो।
11 मार्च को लापता, 12 को मिली लाश
टीला मोड़ थाना क्षेत्र की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली 4 वर्षीय बच्ची 11 मार्च को संदिग्ध परिस्थतियों में लापता हो गई थी। 12 मार्च की सुबह उसका शव पंचशील कॉलोनी के पास झाड़ियों में मिला। पुलिस ने इस मामले में मंगलवार को बच्ची के मुंहबोले फूफा अजय भाटी और उसके दोस्त नीरज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। अजय ने बच्ची से रेप किया। बच्ची ने अपनी बुआ को ये बताने के लिए कहा तो आरोपी ने मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। शव को 2 किलोमीटर दूर फेंक आया था।
दिन में 12 बजे हत्या, रात को ढाई बजे ठिकाने लगाई लाश
DCP विवेक चंद्र यादव ने बताया कि अजय भाटी ने 11 मार्च को दिन में करीब 12 बजे बच्ची के साथ रेप किया। इसके बाद मुंह और गला दबाकर हत्या कर दी। वारदात के वक्त अजय की पत्नी अपनी मोबाइल रिपेयरिंग की शॉप पर बैठी थी, जो घर से करीब 500 मीटर दूर है। हत्या के बाद अजय ने शव को पूजा वाले घर में छिपा दिया। पत्नी जब दुकान से घर आई तो उससे ये कह दिया कि बच्ची लापता हो गई है। चूंकि अजय ने पूजाघर पर ताला लगाया हुआ था, इसलिए अंदर कोई जा नहीं सका।
इधर, अजय ने अपने दोस्त नीरज को शाम के वक्त ही अपने घर पर बुला लिया था। उसे बता दिया था कि क्या और कैसे करना है। नीरज, अजय के घर पर ही सोया। रात को दोनों ढाई बजे उठे। पूजाघर खोलकर शव को प्लास्टिक के थैले में रखा, फिर स्कूटी से उसे तीन किलोमीटर दूर फेंक आए। शव डंप करके दोनों घर में आकर सो गए और फिर 12 मार्च की सुबह से ही बच्ची को ढूंढने का ड्रामा करने लगे।
केमिकल छिड़कते ही दिख गए खून के धब्बे
DCP विवेक चंद्र यादव ने बताया कि इस केस में हमारे पास सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य फोरेंसिक जांच रिपोर्ट है। पुलिस जब इस केस की जांच करने के लिए घर में पहुंची तो ऐसा लगा कि फर्श पर कुछ धब्बे थे, जिन्हें मिटाया गया है। इसकी पुष्टि करने के लिए फोरेंसिक टीम बुलाई गई। फोरेंसिक टीम ने पूरे कमरे में एक केमिकल छिड़का, जिसे बेंजीडीन टेस्ट कहा जाता है। इस केमिकल से फर्श पर वहां-वहां ब्लू रंग के निशान बन गए, जहां-जहां खून के धब्बे बिखरे थे। बस फिर क्या, पुलिस ने अजय को पकड़ लिया। पूछताछ हुई तो वो सब कुछ सच उगलता चला गया।
बच्ची की हत्या, पिता की मौत, मां मानसिक रूप से विक्षिप्त
बच्ची की मां मानसिक रूप से विक्षिप्त है। वो करीब छह महीने पहले ही उसको छोड़कर जा चुकी थी। पिता शराब पीने का आदी था। 28 मार्च 2022 को उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद बच्ची अपने बाबा के पास रह रही थी। हत्यारोपी अजय भाटी की पत्नी इस बच्ची की मुंहबोली बुआ है। इस नाते बुआ ने बच्ची को पालने के लिए अपने घर में रख लिया और परवरिश कर रही थी।