छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा में मंथन का दौर जारी है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में मंगलवार को भाजपा के सभी 7 मोर्चा संगठनों की संयुक्त प्रदेश कार्यसमिति हुई। इसमें आरक्षण, किसानी, कानून व्यवस्था, धार्मिक विवाद जैसे मुद्दों के बीच भूपेश बघेल से पार पाने की रणनीति पर चिंतन हुआ। दावा किया गया, इस बार एक नहीं 10 भूपेश आ जाएं तब भी जीतेंगे।
कार्यसमिति के उद्घाटन सत्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, कांग्रेस सरकार ने आरक्षण को जानबूझ कर लटकाया है। कांग्रेस सरकार ने ऐसे पेंच उलझाए हैं कि आरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित न हो, इसमें विलम्ब हो। कांग्रेस ने सभी वर्गों के साथ राजनीतिक छल किया है। साव ने कहा, अगर आप मैदान पर आएं तो एक भूपेश तो क्या 10 भूपेश आ जाएं, भाजपा को हरा नहीं सकते। हमारे पास मतदान केंद्र तक कार्यकर्ताओं की मजबूत फौज है।
साव ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता समर्पित, संघर्षशील और आम जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। समापन सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा, लक्ष्य एक होने से आपसी सामंजस्य को और मजबूत कर 2023 में बड़े अंतर से सरकार बनाना है। 2024 में मोदी जी के सिद्धांत को और मजबूत करना है। यही इस संयुक्त बैठक का उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का इंट्रीगेट मोर्चा है। यहीं से कार्यकर्ता जनता से जुड़ना सीखता है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा, सभी मोर्चा अपने-अपने कार्य क्षेत्र में इस तरह कार्य करें कि वह उस वर्ग का विश्वास हासिल कर सकें। जनता तक यह संदेश जाना चाहिए कि भाजपा ही सबका विकास कर सकती है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, जिस मोर्चा को जो जिम्मेदारी मिली है उसे निचले तबके तक ले जाकर परिवर्तन की बयार बहानी है। बैठक में किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल भान, बिहार से महिला मोर्चा प्रभारी निशा सिंह, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री बाबू भाई गबेलिया, कोमल राजपूत, बजरंगी प्रसाद यादव, राष्ट्रीय मंत्री पिंकी शिवराज शाह, ओबीसी मोर्चा से खिलावन साहू, गुजरात से वेल जी भाई मेसानी, चंदूलाल साहू, रमेश चंद्राकर, युवा मोर्चा से आलोक डंगस आदि उपस्थित रहे।
चेतावनी भी मिली-केवल भाषण से कोई नहीं जीतता
जोशीले भाषणों के बीच भाजपा नेताओं को मंच से ही चेतावनी भी मिली। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कहा, परिणाम के लिए आंदोलन करना है और इसके लिए सूक्ष्मता से जनता की वन टू वन समस्या इकट्ठा करना है। उसके निराकरण का प्रयास करना है। उन्होंने कहा, याद रखें कि भाषण से कोई नहीं जीतता। जो जनता के लिए काम करता है, जो जनता के लिए संघर्ष करता है, उससे जुड़ कर जनता उसे वोट करती है।
हर मोर्चे पर सरकार को घेरने की जिम्मेदारी
बैठक में नेताओं ने मोर्चों को सरकार को घेरने की जिम्मेदारी दी। कहा गया, युवा मोर्चा जवानों के लिए संघर्ष करेगा। महिला मोर्चा महिलाओं के विषयों पर संघर्ष करेगा। पिछड़ा वर्ग मोर्चा पिछड़े वर्ग के हितों के लिए संघर्ष करेगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग मोर्चा वनवासी समाज के हित में संघर्ष करेगा। अनुसूचित जाति वर्ग मोर्चा अनुसूचित जाति वर्ग के हित में संघर्ष करेगा।
अल्पसंख्यकों पर भी खास जोर
प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, अल्प संख्यक वर्ग मोर्चा मोदी जी की योजनाओं को घर घर तक पहुंचाएगा। उन्हें सावधान करेगा कि कांग्रेस उन्हें भ्रमित कर राजनीतिक शोषण कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यक समाज को बताये कि भाजपा की सरकार ने पंद्रह साल तक सबका समान रूप से विकास किया। भाजपा के शासन काल में कभी किसी प्रकार की वैमनस्यता सामने नहीं आई। सामाजिक समरसता भाजपा सरकार में ही मुमकिन है।