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पत्नी और बेटा-बेटी की हत्या कर डेटॉल लगाता रहा:नशे में गला रेता फिर मरहम-पट्‌टी की; होश आया तो सुबह खुद को आग लगा जान दी

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गोरखपुर में रविवार को पत्नी और दो बच्चों की हत्या करने के बाद पति ने आग लगाकर सुसाइड कर लिया। इस घटना की फोरेंसिक जांच में चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने आए हैं। यह पूरी वारदात पति ने शराब के नशे में की थी। उसने देर रात विवाद के बाद पत्नी और बेटा-बेटी की गला रेतकर हत्या कर दी। जब कुछ देर तक तीनों के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई, तो वह घबरा गया। उसने तीनों के घावों पर डेटॉल लगाकर मरहम पट्‌टी की। वह इस कदर नशे में था कि वह यह बात समझ ही नहीं पाया कि उनकी मौत हो गई है।

तड़के जब पति को होश आया, तो अपने किए पर पछतावा हुआ। इसके बाद उसने खुद पर मिट्‌टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। कुछ देर बाद जब पड़ोसियों ने घर से धुआं निकलता देखा तो दरवाजा तोड़कर अंदर गए। इसके बाद ट्रिपल मर्डर और सुसाइड के इस सनसनीखेज मामले की जानकारी हुई।

चलिए…अब सिलसिलेवार आपको बताएंगे कि पति ने यह आत्मघाती कदम क्यों उठाया? हत्या के बाद उसने क्या-क्या किया?

देवकली गांव में इंद्रबहादुर ने पत्नी और बच्चों की हत्या के बाद घर में ही खुद को आग लगा ली।

सबसे पहले पूरी वारदात…
गोरखपुर में गोला के देवकली गांव में इंद्रबहादुर मौर्य (42) ने पत्नी सुशीला (38), बेटी चांदनी (10) और बेटे आर्यन (8) की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने खुद आग लगाकर सुसाइड कर लिया। दरवाजा अंदर से लॉक था। पड़ोसियों की सूचना पर दरवाजा तोड़कर पुलिस घर में दाखिल हुई। कमरे में बेड पर पत्नी और दोनों बच्चों की लाश पड़ी थी। जबकि इंद्रबहादुर की लाश कमरे के दूसरे कोने में पड़ी थी। घर में रखी टीवी और फॉगिंग मशीन टूटी थी। सभी सामान बिखरे हुए थे, जो इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि घटना से पहले घर में पति-पत्नी के बीच जमकर विवाद हुआ है।

पूरी रात शवों के साथ बैठा रहा, मरहम पट्‌टी की
पुलिस के मुताबिक, कमरे में जहां लाश मिली। वहां डेटॉल की बोतल, कॉटन और कपड़े पड़े थे, जो डेटॉल से भीगे थे। यानी पत्नी और बच्चों का गला रेतने के बाद इंद्रबहादुर ने उन्हें दवाई और मरहम लगाकर बचाने की भी कोशिश की। शायद उसे उम्मीद थी कि गला रेतने के बाद भी सभी बच जाएंगे। सुबह नशा उतरने पर जब उसे होश आया होगा तो अपने किए पर पछताया होगा। कुछ समझ नहीं आया तो उसने आग लगाकर सुसाइड कर लिया। सुबह करीब 8 बजे जब पड़ोसी दरवाजा तोड़कर अंदर गए, तो इंद्रबहादुर का शरीर जल मिला। लेकिन, उसकी सांस चल रही थी। थोड़ी देर बाद उसने दम तोड़ दिया।

वारदात की सूचना के द गांव वालों की मौके पर भीड़ लग गई।

अस्पताल ले जाता तो शायद बच जाती जान
इंद्र बहादुर ने रात में ही विवाद के बाद पत्नी और बच्चों की हत्या कर दी। लेकिन, वह खुद रात में नहीं मरा। वह पूरी रात पत्नी और बेटा-बेटी की लाश के पास बैठा रहा। उसे इस बात का एहसास नहीं था कि उसने क्या किया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि अगर सभी को तत्काल गांव वालों की मदद से डॉक्टर के पास ले जाता तो शायद उनकी जान बच जाती। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया।

फॉरेंसिक के मुताबिक, इंद्र बहादुर ने पत्नी पर चाकू से 4 बार वार किए। उसके सीने, गर्दन और पेट पर निशान थे। इसके अलावा, पत्नी का खून दीवारों पर भी लगा हुआ था। मतलब, पत्नी से काफी संघर्ष हुआ है। जबकि दोनों बच्चों का खून सिर्फ बेड पर मिला है। यानी गला रेतने के बाद उनकी वहीं पर मौत हो गई।

ग्रामीणों का कहना है कि जुआ और सूदखोरी ही इस गांव का असल पेशा है।

सुबह जुए में 50 हजार रुपए हारा था इंद्र बहादुर
अब तक की जांच और ग्रामीणों के मुताबिक, गांव का एक दबंग आदमी गांव में जुए का अड्डा चलवाता है। वहां जुआड़ियों के अलावा सूदखोर रुपए लेकर कर्ज देने के लिए पहले से खड़े होते हैं, जो हारने वाले को तत्काल उनकी गाड़ी, मोबाइल, खेत या कोई भी चीज गिरवी रखकर कर्ज देते हैं। शनिवार को इंद्र बहादुर भी जुए के अड्डे पर पहुंचा था। उसने कर्ज लेकर जुआ खेला और 50 हजार रुपए हार गया।

इंद्र बहादुर और जुआ खेलने के लिए सूदखोर से रुपए मांगने लगा। लेकिन, सूदखोर ने बिना किसी चीज को गिरवी रखे बाकी का कर्ज देने से इनकार कर दिया। इसके बाद इंद्र बहादुर ने जमकर शराब पी और घर चला गया। माना जा रहा है कि घर पहुंचने के बाद उसने पत्नी से विवाद किया और नशे में पूरे परिवार की हत्या कर दी।

इंग्लिश मीडियम स्कूल  पढ़ते थे दोनों बच्चे
इंद्रबहादुर जुआरी था। वो बच्चों पर ध्यान नहीं देता था, लेकिन पत्नी सुशीला दोनों बच्चों को अच्छी एजुकेशन दिलाना चाहती थी। इंग्लिश मीडियम स्कूल में एडमिशन कराया था। PGLN एकेडमी गोपालपुर में 10 साल की चांदनी क्लास 4 में पढ़ती थी। जबकि उसका छोटा भाई आर्यन क्लास फर्स्ट में पढ़ाई कर रहा था।

शनिवार को इंद्र बहादुर भी जुआ अड्डे पर जुआ खेलने पहुंचा था। उसने कर्ज लेकर जुआ खेला और ग्रामीणों के सामने ही 50 हजार रुपए हार गया।

मकान और 4 हजार वर्ग फीट जमीन हड़पना चाहते थे सूदखोर
इंद्र बहादुर सब्जी का थोक व्यापारी था। घर के अलावा करीब 4 हजार वर्ग फीट जमीन भी थी। बाकी वह गांव के लोगों से बंटाई पर खेत लेकर सब्जी की खेती करता था। सब्जी को थोक मंडी में बेचता था। कारोबार के साथ इंद्र बहादुर को जुए और शराब की लत थी। वह जितना कमाता था, उसे बर्बाद कर देता था।

जुआ खेलने के लिए उसने ब्याज पर काफी कर्ज ले रखा था। सूदखोर कर्ज के एवज में उसकी जमीन और मकान लिखवाना चाहते थे। इसलिए, इंद्र बहादुर जब भी सूदखोरों से कर्ज मांगता था तो वह उसे रुपए मुहैया करा देते थे। लेकिन, पत्नी सुशीला किसी भी हाल में घर और खेत बिकने नहीं देना चाहती थी। इस बात को लेकर परिवार में अक्सर विवाद और मारपीट होती थी।

घटना में नया मोड़, भतीजे ने दी सूदखोरों के खिलाफ तहरीर
इंद्रबहादुर का छोटा भाई जयबहादुर गांव नहीं पहुंचा है। उसने घटना के दिन ग्रामीणों से गांव आने की बात कही थी। हालांकि, अपने बेटे अभिषेक मौर्य को गांव भेज दिया। अभिषेक के गांव पहुंचते इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया है। अभिषेक ने पुलिस को एक और लिखित तहरीर देकर सूदखोरों की शिकायत की है। जबकि इससे पहले सुशीला के भाई ने तहरीर दी थी, जिसमें अपने बहनोई इंद्रबहादुर पर हत्या करने की बात लिखी थी।

यह फोटो अभिषेक मौर्य की है। उसने पुलिस को नई तहरीर दी है। इसमें सूदखोरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

भतीजा बोला- सूदखोर चाचा को प्रताड़ित कर रहे थे
पुलिस को दी तहरीर में अभिषेक ने लिखा है, ”इस सामूहिक हत्याकांड से पहले गांव के सूदखोरों से परेशान होकर मेरे पिता जय बहादुर मौर्य गांव छोड़कर 3 साल पहले लापता हो गए। मेरे गांव के संदीप मौर्य ने मेरे पिता को सूद पर रुपए दिया था। जिसके ब्याज के एवज में उसने मेरे पिता के हिस्से का खेत और जमीन रजिस्ट्री करा ली। जबकि, उस जमीन का बकाया 15 लाख रुपए भी संदीप ने अब तक नहीं दिया।

विजय और संदीप हड़पना चाहते थे चाचा की जमीन
उसने तहरीर में यह भी कहा है कि मेरे चाचा इंद्र बहादुर सिंह को इसी गांव के विजय प्रताप सिंह, संदीप मदृदेशिया ने सूद पर रुपए दिए थे। जिसका ब्याज नहीं चुका पाने पर वह सभी चाचा को प्रताड़ित कर रहे थे। सूदखोर चाहते थे कि पिता की तरह मेरे चाचा भी अपने हिस्से की जमीन और खेत उनके नाम रजिस्ट्री कर दें।

सोमवार की सुबह इंद्रबहादुर की मां सुभावती मौर्य (पिंक स्वेटर) बेटी आरती (ब्लू साड़ी) के साथ गांव पहुंच गई।

चांदनी की दोस्त बोली- अब कौन खेलेगा हमारे साथ लुका-छिपी
बेटी चांदनी की मौत के बाद उसकी दोस्त पावनी और अंशू रो रही हैं। दोनों दोस्त कहती हैं, ”चांदनी के साथ हम रोज लुका छिपी खेलते। हम उसके स्कूल से आने का इंतजार करते थे। संडे का हमें हमेशा ही इंतजार रहता था। मेरी दोस्त चांदनी अब हमेशा के लिए चली गई।”

ये तस्वीर चांदनी की दोस्त पावनी (ब्लैक ड्रेस) और अंशू (रेड स्वेटर) की है। इनके भी आंखों में आंसू थे।

पूरे परिवार के खत्म होने के बाद भी नहीं आया जयबहादुर
इंद्र बहादुर के छोटे भाई जय बहादुर ने अपने हिस्से की करीब 4 हजार वर्ग फीट खेत कर्ज की वजह से गांव के एक व्यक्ति को बेच दिया था। तभी से वह गांव छोड़कर चला गया। दो साल पहले पिता श्याम बिहारी की मौत की सूचना पर भी जय बहादुर घर नहीं आया।

लेकिन, गांव वालों के मुताबिक, उसे भाई-भाभी और बच्चों के मौत की सूचना मिली तो घर आने को तैयार हो गया। क्योंकि, उसे पता है कि अब इंद्र बहादुर का परिवार खत्म हो गया और अब प्रॉपर्टी पर उसका हक है। हालांकि, सोमवार को जय बहादुर ने खुद आने की बजाय अपने बेटे को गांव भेज दिया।

हर एंगल पर जांच कर होगी कार्रवाई: एसएसपी
SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया, “सभी सीनियर अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। ग्रामीणों से भी बात की गई। अब तक की जांच में जो भी बात सामने आई है। घटनास्थल से जो साक्ष्य मिले हैं, उसके आधार पर हर एंगल पर मामले की जांच की जा रही है। मृतक महिला के भाई ने तहरीर दी है। इसमें उन्होंने शराब और जुए का जिक्र किया है। उसी के आधार पर पुलिस जांच कर कार्रवाई कर रही है।”

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