कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ठग कह दिया। राहुल ने सोमवार को दिल्ली सामाजिक संगठनों से बातचीत के दौरान यह बात कही। कॉन्सिट्यूशन क्लब में हो रही इस मीटिंग में स्वराज इंडिया के चीफ योगेंद्र यादव भी मौजूद थे।
राहुल बोले- BJP अधर्म फैला रही है
मीटिंग के दौरान राहुल गांधी से UP की हालात पर सवाल किया गया। इस पर राहुल ने जवाब दिया कि कोई भी धर्म उत्तर प्रदेश में हिंसा को बढ़ावा नहीं दे रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी भाषा के चलते धार्मिक नेता नहीं कहे जा सकते। सिर्फ भगवा पहन लेने से कोई धार्मिक नेता नहीं हो जाता। माफी चाहूंगा, लेकिन आदित्यनाथ कोई धार्मिक नेता नहीं, बल्कि सामान्य से ठग हैं। भाजपा उत्तर प्रदेश में अधर्म फैला रही है।
राहुल बोले- कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी
राहुल से सवाल हुआ कि UP में जो धर्म की आंधी चल रही है, उस पर क्या कहेंगे। उन्होंने जवाब दिया- उत्तर प्रदेश में धर्म की आंधी नहीं है। मैंने इस्लाम पढ़ा, ईसाई धर्म पढ़ा, बौद्ध धर्म पढ़ा, हिंदू धर्म जानता हूं। कोई भी धर्म नफरत फैलाने को नहीं कहता है। जैसे ही कोई तपस्या करना बंद कर देता है, वह भ्रम की स्थिति में चला जाता है। कांग्रेस तपस्वियों की पार्टी है, भाजपा और संघ इसके उलट चलती हैं। भारत जोड़ो यात्रा पहला और छोटा कदम है। आगे हम ऐसी और भी कोशिशें करेंगे।
योगी ने कहा था- राहुल जैसे विपक्षी नेता भाजपा का काम आसान बना रहे
योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले कई टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। इसमें योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “विपक्ष में राहुल गांधी जैसे नेता भाजपा का काम आसान बना रहे हैं। वो वाकई भाजपा के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रहे हैं। कांग्रेस 1947 से देश को जाति-धर्म के नाम पर बांट रही है।”
जब योगी से पूछा गया कि क्या भारत जोड़ो यात्रा से राहुल के व्यक्तित्व को कोई फायदा होगा? उन्होंने कहा- अगर राहुल गांधी अपनी निगेटिविटी को कम कर दें तो तो कांग्रेस को फायदा होगा। नकारात्मकता ही उनकी सारी उपलब्धियों पर पानी फेर देती है।
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राहुल बोले- संसद में अडाणी पर चर्चा से सरकार डरी
अडाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भी जमकर हंगामा हुआ। एक तरफ विपक्ष इस पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ा रहा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने देशभर में LIC और SBI के ऑफिस के बाहर अडाणी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन की जांच संसदीय पैनल (JPC) या सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से करवाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।