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इस ब्लड ग्रुप वालों में गंभीर हृदय रोगों का जोखिम कम, जानिए आप कितने सुरक्षित?

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हृदय रोगों और इसके कारण होने वाली मौत का खतरा पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले दो सालों में देश में सडेन हार्ट अटैक के कारण 40 से कम आयु वाले लोगों में मौत के मामले तेजी से रिपोर्ट किए गए हैं। डॉक्टर्स कहते हैं, युवाओं में बढ़ते हृदय रोगों के लिए लाइफस्टाइल में गड़बड़ी और आहार से संबंधित समस्याओं को प्रमुख कारण के तौर पर देखा जा रहा है। कार्डियक अरेस्ट के कारण मौत के मामले देखे जा रहे हैं, जो कि गंभीर चिंता का विषय हैं। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को निरंतर प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अगर दिनचर्या को ठीक करने के साथ नियमित रूप से व्यायाम की आदत बना ली जाए तो हृदय रोगों के जोखिम को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों में स्वाभाविक रूप से ही हृदय रोगों का खतरा कम होता है, इसमें ब्लड ग्रुप की भी विशेष भूमिका हो सकती है।

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ओ होता है उनमें कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा कम देखा जाता है। आइए इस बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

ब्लड ग्रुप ओ अधिक सुरक्षित

शोधकर्ताओं की टीम ने बताया कि ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोगों का खतरा कम देखा गया है। ऐसा क्यों है इसको लेकर विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं। शोधकर्ताओं का  कहना है कि ब्लड ग्रुप ओ की तुलना में अन्य ग्रुप वाले लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल और उच्च मात्रा में प्रोटीन अधिक देखा जाता है जो रक्त के थक्कों का कारण बन सकती है। ओ ब्लड ग्रुप वालों में इस तरह का जोखिम कम पाया गया है, यही संभवत: उनको अधिक सुरक्षित रखने का कारण हो सकता है।

अध्ययन में क्या पता चला?

जर्नल आर्टेरियोस्क्लेरोसिस, थ्रोम्बोसिस और वैस्कुलर बायोलॉजी  में वैज्ञानिकों ने 62,000 महिलाओं और 27,000 पुरुषों के डेटा का अध्ययन किया। इस डेटा अध्ययन में पाया गया कि ब्लड ग्रुप AB वाले प्रतिभागियों में अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोगों के विकसित होने का जोखिम 23 फीसदी अधिक था। वहीं  टाइप B वालों में यह जोखिम 11 फीसदी अधिक देखा गया।

पेरिस में हुई मीटिंग में शोधकर्ताओं ने एक लाख से अधिक रोगियों का डेटा प्रस्तुत करते हुए बताया कि टाइप ए, बी, या एबी रक्त वालों की तुलना में ओ ग्रुप वालों में हृदय संबंधी गंभीर रोगों का जोखिम कम होता है।

क्या कहते हैं शोधकर्ता?

अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया कि फिलहाल O ब्लड ग्रुप वालों को अधिक सुरक्षित माना जा रहा है, पर ऐसा क्यों है इस बारे में स्पष्ट साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। व्यक्ति अपने ब्लड ग्रुप को नहीं बदल सकता है, लेकिन दिनचर्या में बदलाव करके हृदय रोगों के जोखिम को जरूर कम किया जा सकता है। इसके लिए धूम्रपान से दूरी बनाना, नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार मूल मंत्र हैं। इन तीनों बातों को ध्यान में रखकर हृदय रोगों के जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। चूंकि यह खतरा कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रहा है ऐसे में सभी लोगों को हृदय स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता बरतने की आवश्यकता है।

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