अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी से राजनीति में घमासान शुरू हो गया है। वह 2024 के चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। ट्रंप ने कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी टेक कंपनियां डेमोक्रेट्रिक पार्टी के साथ मिल गई थी और उनके खिलाफ हो गई थी।
डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ट्रूथ सोशल पर पोस्ट जारी कर अपनी जीत के झूठे दावे को दोहराते हुए कहा कि 2020 का राष्ट्रपति चुनाव ट्रंप ने जीता था। बिग टेक कपंनियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर टेक कंपनियां उनके खिलाफ हो गईं। ट्रंप ने मांग की कि अमेरिकी संविधान को खत्म कर देना चाहिए। उनके इस बयान से अमेरिकी राजनीति में हलचल मच गई है।
डेमोक्रेटिक नेता हकीम जेफ्रीस ने रविवार को ट्रंप के बयान को अजीब और अतिवादी बताया है।
ट्रंप की इस टिप्पणी पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने कहा कि उनका ये बयान हमारे देश की आत्मा के लिए अभिशाप है। ट्रंप की टिप्पणी की पूरी दुनिया में निंदा की जा रही है। वहीं, ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे रिपब्लिकन जॉन बोल्टन ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘2020 के चुनाव के नतीजों के कारण संविधान को निलंबित करने के ट्रंप के आह्वान से कोई भी अमेरिकी रूढ़िवादी सहमत नहीं हो सकता है। ट्रंप फिर से 2024 के चुनाव की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उनका चुनाव प्रचार न हो इसका विरोध किया जाए।’
ट्रंप का ये बयान तब आया जब ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने ट्विटर पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन को लेकर बड़ा खुलासा किया था। मस्क ने दावा किया था कि जो बाइडेन के बेटे को लेकर वर्ष 2020 में न्यूयॉर्क पोस्ट ने जो स्टोरी की थी, उसे ट्विटर ने सेंसर कर दिया था। यह स्टोरी वर्ष 2020 के राष्ट्रपति चुनाव से कुछ हफ्ते पहले आई थी। मस्क ने तर्क दिया था कि जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन की रिपोर्टों और गार्फिक तस्वीरों को सेंसर कर ट्विटर ने डेमोक्रेट्स को जीतने में मदद दिलाई थी। रिपोर्ट में हंटर बाइडेन को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया था लेकिन ट्विटर ने इस पोस्ट पर बैन लगा दिया था। इसके कारण इस रिपोर्ट की पहुंच सीमित हो गई थी।