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‘मम्मी-पापा माफ करना’ लिख आदिवासी छात्रावास में फंदे पर झूल गया छात्र, डिप्रेशन से जूझ रहा था

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उमरिया में एक 12वीं के आदिवासी छात्र ने आत्महत्या कर ली। छात्र आदिवासी बालक छात्रावास पाली में रहता था।  मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें उसने अपने माता-पिता  के कोई काम नहीं आने की बात लिखी है।

छात्र शनि (17 साल) पिता ब्रजेश वंशकार अपने होस्टल के कमरे से दोपहर 12 बजे तक नहीं निकला। अनहोनी का अंदेशा होने पर अन्य छात्रों ने इसकी सूचना होस्टल अधीक्षक और शिक्षक को दी। जिसके बाद शिक्षक ने कमरे का दरवाजा खुलवाया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था। जिसके बाद छात्रों ने पीछे से खिड़की से जाकर देखा तो छात्र फंदे पर लटका मिला। छात्र की आत्महत्या की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरु की।

 

छात्र ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है। जिसमें उसने मम्मी-पापा के कोई काम न आने पर अपने मम्मी-पापा से माफी मांगा है। इसके अलावा और भी कई बातें लिखी हैं पर सुसाइड करने की वजह नहीं लिखी है। होस्टल प्रबंधन का कहना है कि छात्र काफी दिनों से डिप्रेशन में था। किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। वह गुमसुम रहता था। कुछ महीने पहले शनि गिर गया था, जिससे उसके सिर पर चोटें आई थी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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