Search
Close this search box.

मानदेय में बढ़ोतरी न होने से 22 हजार उपनल कर्मियों के हाथ लगी निराशा, बढ़ रहा आक्रोश

Share:

राज्य स्थापना दिवस पर मानदेय बढ़ोतरी की आस लगाए 22 हजार उपनल कर्मियों को निराशा हाथ लगी है। वर्ष 2019 के बाद आज तक मानदेय में वृद्धि नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों को 10 से 12 हजार रुपये के मानदेय पर गुजारा करना पड़ रहा है।

कर्मचारी संगठन के उपाध्यक्ष पूरन भट्ट ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में उपनल से संविदा पर कार्यरत 22 हजार कर्मचारियों को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सरकार से मानदेय बढ़ोतरी की आशा थी। सरकार की ओर से पूर्व में उपनल कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की घोषणा स्थापना दिवस के अवसर पर ही की गई थी।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार महंगाई भत्ता के आदेश नियमित कर्मचारियों के लिए किए गए, ठीक उसी प्रकार संविदा कर्मचारियों के लिए भी प्रतिवर्ष महंगाई सूचकांक के आधार पर मानदेय में वृद्धि करनी चाहिए। संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रमोद गुसाई ने बताया कि पिछले 17 वर्षों से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम मानदेय मिल रहा है, जबकि उन्हीं पदों में कार्यरत नियमित कर्मचारियों के वेतन में 10 गुना अधिक वृद्धि हुई है, जबकि दोनों एक जैसा कार्य कर रहे हैं। मानदेय बढ़ोतरी नहीं होने से कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news