मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदेश में 15 नवंबर तक मौसम इसी प्रकार रहेगा। वहीं, नवंबर के पूरे माह में भी सर्दी ज्यादा रफ्तार नहीं पकड़ पाएगी। प्रदेश में इस बार नवंबर का महीना बीते तीन सालों में सबसे ज्यादा गर्म रहने वाला है।
मध्यप्रदेश में इस बार नवंबर महीना बीते तीन साल में सबसे कम ठंडा रहा है। इस बार बारिश ज्यादा हुई है तो उम्मीद की जा रही है कि ठंड भी ज्यादा पड़ेगी, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह में न्यूनतम तापमान गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस तक ही आ पाया है। सिर्फ मंडला और रायसेन में यह सबसे कम (11 डिग्री सेल्सियस तक) आया है। इससे पहले साल 2019 में नवंबर महीने में प्रदेश के अधिकांश इलाकों में न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक रहा था। इससे पहले इस समय तक तापमान 10 डिग्री तक आ जाता था।
मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि इस साल अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मानसून की विदाई हुई थी। 10 सालों में यह तीसरी सबसे लेट विदाई थी। इसके बाद मौसम एकदम शुष्क हो गया। हिमालय में बर्फबारी और पाकिस्तान से एक के बाद एक हवाएं (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) आने के कारण अक्टूबर में ठंड महसूस हुई, लेकिन अब वैसी परिस्थितियां नहीं बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अभी सिर्फ दो वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आए हैं। हिमालय पर कुछ बर्फबारी हुई, लेकिन अभी ज्यादा ठंड नहीं है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के ज्यादा होने के कारण पिछले साल की तुलना में इस बार नवंबर में ज्यादा ठंड पड़ने की संभावना कम है।