मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बंगाल में उगाई जाने वाली विशेष चावल की किस्म ”गोविंदभोग” पर लगने वाले 20 फीसदी उत्पाद शुल्क में छूट देने की मांग की है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है, उत्पाद शुल्क में छूट के अभाव में इस विशेष किस्म के चावल का उत्पादन करने वाले किसानों और निर्यात को नुकसान होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि गोविंदभोग चावल की किस्म कुछ यूरोपीय और पश्चिम एशियाई देशों जैसे यूएई, कतर, कुवैत में बेहद लोकप्रिय है। उनके अनुसार, विभिन्न धार्मिक अवसरों के लिए भी गोविंदभोग चावल का उपयोग किया जाता है।
पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार भी विदेशों में इसकी लोकप्रियता के लिए किसानों को इस किस्म के चावल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र ने हाल ही में बासमती चावल पर उत्पाद शुल्क में छूट दी है और इसी आधार पर गोविंदभोग किस्म पर भी इसी तरह की राहत दी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि चूंकि गोविंदभोग किस्म की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक है, इसलिए किसानों को किस्म के सुचारू उत्पादन के साथ जारी रखने के लिए उत्पाद शुल्क में राहत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने बताया कि चावल की इस विशेष किस्म को 2017 में भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग से भी सम्मानित किया गया था।
गोविंदभोग चावल का एक पतला और छोटा चावल की प्रजाति है, जो सफेद, सुगंधित और चिपचिपा होता है जिसमें इसका मक्खन जैसा स्वाद होता है। इसकी खेती ज्यादातर पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में की जाती है। जिन प्रमुख जिलों में चावल की इस विशेष किस्म की खेती की जाती है उनमें पूर्व बर्दवान, हुगली, नदिया और बीरभूम शामिल हैं। चावल की इस किस्म की खेती बिहार और छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में भी की जाती है।