गाम्बिया ने भारत में बने सिरप से कई बच्चों की मौत के बाद अब घर-घर इस सिरप की तलाश के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चेतावनी के बाद इस सिरप को वापस लेने को कहा है।
ज्ञात रहे कि गाम्बिया में भारत के सीरप पीने से 60 से अधिक बच्चों की किडनी क्षतिग्रस्त होने से मौत हो गई है।
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. मुस्तफा बिट्टए ने पुष्टि की कि बच्चों की मौत किडनी में घातक चोट के कारण हुई जिससे देश के 24 लाख लोगों समेत पूरे विश्व में लोग शोकजदा हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इन मौतों को लेकर चेतावनी जारी की है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि डब्ल्यूएचओ ने गाम्बिया में चिह्नित की गईं उन चार दूषित दवाओं के लिए अलर्ट जारी किया है, जिनके कारण गुर्दे को गंभीर क्षति से 66 बच्चों की मौत होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत परिवारों के लिए एक हृदय विदारक घटना है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये चार दवाएं भारत में उत्पादित कफ सिरप हैं। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने बयान जारी करके साफ कर दिया कि दूषित उत्पादों का अब तक केवल गाम्बिया में पता चला है, इसलिए उन्हें अन्य देशों में वितरित किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ भारत में कंपनी और नियामक प्राधिकरणों के साथ जांच कर रहा है।
गांबिया की मेडिकल अनुसंधान परिषद ने भी चेतावनी जारी की है। परिषद ने अपने बयान में कहा है कि पिछले हफ्ते हमने किडनी में घाव से ग्रस्त एक बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका है। हम यह पुष्टि करने में सक्षम हैं कि अस्पताल में भर्ती कराये जाने से पहले उसने उनमें से एक दवा ली थी, जिसके वजह से ऐसा होने की आशंका है। इस दवा को गाम्बिया में खरीदा गया था।
परिषद ने कहा कि पहचानी गई दवाओं में पर्याप्त मात्रा में विषैला तत्व पाया गया है जो किडनी को घातक रूप से क्षति पहुंचाता है। दूषित दवा को लेकर भारत सरकार और हरियाणा सरकार मिलकर जांच कर रही है। नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जांच में 23 नमूनों में से अब तक चार को दूषित पाया गया है और भारत सरकार रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही है।