गांधी जयंती के दिन रविवार को देहरादून के कचहरी स्थित शहीद स्थल से शहीद सम्मान साइकिल यात्रा रवाना हुई, जो हर्रावाला, डोईवाला, नेपाली फार्म, रायवाला होती हुई हरिद्वार पहुंची। हरिद्वार में सप्तऋषि चुंगी, शंकराचार्य चौक, सहगल पेट्रोल पंप बाईपास और सिंह द्वार में साइकिल यात्रा का लोगों ने जोरदार स्वागत किया। साइकिल यात्रियों को फूल माला पहनाई और उन पर पुष्प वर्षा की गई।
शहीद सम्मान साइकिल यात्रा का आयोजन मुंबई के उत्तराखंड प्रवासियों के सामाजिक संगठन हस्तक्षेप ने किया था। यह साइकिल यात्रा 130 किलोमीटर का सफर तय करके मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे के शहीद स्थल पर पहुंचेगी। उत्तराखंड के शहीदों की 28वीं पुण्य स्मृति के अवसर पर यह साइकिल यात्रा निकाली गई।
इस अवसर पर शहीद सम्मान साइकिल यात्रा के मुख्य संयोजक और हस्तक्षेप संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसर सिंह बिष्ट ने कहा कि यह साइकिल यात्रा रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए उत्तराखंड आंदोलनकारियों की याद में निकाली जा रही है। यह यात्रा यहीं पर समाप्त नहीं होगी, बल्कि पूरे देश में जारी रहेगी और जब तक उत्तराखंड के शहीदों के सपनों का राज्य नहीं बन जाता तब तक हम साइकिल यात्रा जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के 22 सालों बाद भी के शहीदों के सपनों का उत्तराखंड राज्य नहीं बन पाया है, जिसमें उत्तराखंड वासी और उत्तराखंड प्रवासी एक साथ रहकर राज्य के विकास के लिए कार्य कर सकें।
हरिद्वार में यात्रा के संयोजक राजेंद्र नाथ गोस्वामी ने कहा कि हम उत्तराखंड के शहीदों का राज्य बनाकर ही दम लेंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी त्रिलोक चंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड के शहीदों के सपने को पूरा करने के लिए किसी भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे उत्तराखंड राज्य के लोगों की भावनाओं को ठेस लगी है।
इस अवसर पर साइकिल यात्रियों का उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी त्रिलोक चंद्र भट्ट, सतीश जोशी, राजेंद्र नाथ गोस्वामी, दीपक नौटियाल, बालकृष्ण शास्त्री, विक्रम शाह, अमित कुमार आदि ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।