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भारत-बांग्लादेश के बीच रेल संपर्क बढ़ने से लाभान्वित होगा दक्षिण पूर्व एशिया: नूरुल इस्लाम सुजान

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Nurul Islam Sujan

बांग्लादेश के रेल मंत्री नुरुल इस्लाम सुजान ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच रेल संपर्क बढ़ने से दोनों देशों के साथ-साथ पूरे दक्षिण पूर्व एशिया को लाभ होगा। उन्होंने भारत और बांग्लादेश के बीच वीजा मुक्त यात्रा शुरू करने की भी वकालत की।

बांग्लादेश के रेल मंत्री नुरुल इस्लाम सुजान ने बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में कहा कि अगर भारत और बांग्लादेश के बीच वीजा मुक्त यात्रा शुरू हो जाती है, तो दोनों देशों के लोगों के बीच आत्मीय संबंध और मजबूत होंगे। उन्होने दावा किया कि भारत और बांग्लादेश के बीच रेल संपर्क बढ़ने से दोनों देशों के साथ-साथ पूरे दक्षिण पूर्व एशिया को लाभ होगा।

उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में भारत का दौरा किया है। इस दौरान भारत और बांग्लादेश के बीच रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। शेख हसीना के भारत दौरे के दौरान नुरुल इस्लाम सुजान भी उनके साथ थे। नूरुल ने भारत भ्रमण के बाद स्वदेश लौटकर हिन्दुस्थान समाचार से बात की है। पेश है उसके खास अंश-

प्रश्न : भारत यात्रा के दौरान रेल संचार क्षेत्र में भारत और बांग्लादेश के बीच किस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए?

उ : भारत-बांग्लादेश के बीच रेलवे संपर्क के बढ़ोतरी के जरूरत दोनों देशों के संबंधों की मजबूती के लिए है। इससे भारत या बांग्लादेश को ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण पूर्व एशिया को फायदा होगा। क्योंकि ट्रांस एशिया रेलवे के साथ शामिल होने में बांग्लादेश रुचि रखता है। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार-म्यांमार से थाईलैंड तक रेलवे कनेक्शन प्रणाली बनाने का प्रस्ताव है। यदि क्षेत्रीय परिवहन में सुधार होता है, तो बांग्लादेश को भी लाभ होगा। यह दक्षिण एशियाई देशों के बीच वाणिज्यिक संचार को बढ़ाएगा। परिवहन लागत भी कम होगी। वर्तमान में, भारत के साथ रेल संचार के क्षेत्र में नौ प्रवेश द्वार (सीमा पार) हैं। उनमें से कई पाकिस्तान के समय के थे। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्हें बंद कर दिया गया था। उन्हें फिर से खोल दिया गया है।

प्रश्न : क्या भारत की ओर से नए रेलवे मार्ग के निर्माण को लेकर कोई प्रस्ताव मिला है?

रेल मंत्री : भारत ने पहाड़ी सीमा क्षेत्रों में मेघालय के साथ रेलवे परिवहन का विस्तार करने के लिए एक नई सड़क और रेल प्रणाली बांग्लादेश के बीरामपुर के माध्यम से सीमा से लगे क्षेत्रों में विस्तार करने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि, नए रेलवे और सड़क निर्माण की लागत का भुगतान कौन करेगा, इस बारे में चर्चा अभी शुरू नहीं हुई है। इसलिए निर्माण लागत को अंतिम रूप देने पर नई कनेक्टिविटी के बारे में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, बांग्लादेश को इस नए प्रस्तावित रेल पथ को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।

प्रश्न : अगर रेलवे संचार बढ़ता है, तो क्या बांग्लादेश और भारत के बीच वाणिज्यिक परिवहन लागत कम हो जाएगा?

उत्तर : वर्तमान में कपास पंजाब से लाना पड़ता है। कपास ट्रेन से गुजरात और मुंबई तक जाता है, या कोई अन्य समुद्री बंदरगाह तक। वहां से यह समुद्र के रास्ते सिंगापुर जाता है। सिंगापुर से चटगांव बंदरगाह तक आ रहा है। वहां से कपास ढाका के आसपास सूता मिलों में आ रहा है। यमुना नदी पर बंगबंधु रेल पुल शुरू हो जाता है तो इस कपास को पंजाब से सीधे बांग्लादेश के जॉयदेवपुर के पास लाया जाएगा। इससे पता चलता है कि परिवहन लागत और समय कितना कम होगा। लेकिन हां, इस रेलवे का बुनियादी ढांचा अभी भी तय नहीं है। भारत अपने पूरे रेल संचार को ब्रॉड गेज में अपग्रेड कर सकता है, लेकिन हम अभी भी नहीं कर सकते हैं। पश्चिमी यमुना नदी का तट (पश्चिमी भाग) सभी ब्रॉड गेज है लेकिन हमारा पूर्वी तट (पूर्वी भाग) अभी भी मीटर गेज है। लेकिन अब बांग्लादेश के पूर्वी हिस्से में रेलवे लाइनों का नवीनीकरण किया जा रहा है और उन्हें दोहरी गेज में परिवर्तित किया जा रहा है। बांग्लादेश के पूर्वी हिस्से में रेलवे लाइन में मीटर गेज और ब्रॉड गेज दोनों हैं। एक बार यह हो जाने के बाद, भारत के किसी भी हिस्से को बांग्लादेश से जोड़ा जा सकता है। जिससे कोई भी रेल द्वारा सेवन सिस्टर्स के किसी भी राज्य की यात्रा कर सकता है।

प्रश्न : शेख हसीना के भारत दौरे को लेकर बांग्लादेश में विपक्षी दलों के बयान अजीबोगरीब हैं। इसके बारे में क्या कहेंगे?

उत्तर : 1971 में भारत के सैनिकों की शहादत के साथ मिली बांग्लादेश की आजादी के बाद से ही ऐसे बयान लगातार दिए जाते रहे हैं। भारत के साथ हमारा रिश्ता व्यापारिक नहीं है। हमारा संबंध खून का है। बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में भारत ने आश्रय, हथियार, प्रशिक्षण ही नहीं दिया, बल्कि सहयोगी के रूप में पाक-आक्रामकों के खिलाफ लड़ाई में भाग लेकर अपनी कुर्बानी दी है।

दरअसल, बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी बीएनपी जमात सहित अन्य दलों ने आरोप लगाया है कि भारत दौरे के दौरान शेख हसीना ने बांग्लादेश के स्वाभिमान को ताक पर रखकर भारत के साथ समझौता किया है।

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