ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। हिजाब का विरोध करने पर पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गयी महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए आंदोलन में अब तक 41 लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान 1200 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये गए हैं।
हिजाब विरोधी इस आंदोलन को दो सप्ताह होने वाले हैं। बीती 13 सितंबर को तेहरान मेट्रोल स्टेशन से निकलते वक्त महसा अमिनी सहित कुछ महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया था, क्योंकि इन लोगों ने हिजाब कानून को ठुकराकर हिजाब पहनने से इनकार कर दिया था। आरोप है कि पुलिस ने महसा अमिनी के साथ मारपीट की, जिस कारण पुलिस हिरासत में महसा की मौत हो गयी। महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन तेज हो गया। कुछ महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से अपने बाल काटे तो तमाम ने अपने हिजाब जला दिये। पहले तो यह विरोध ईरान के कुर्द आबादी वाले इलाकों तक सीमित था, किन्तु अब यह देश के 31 प्रांतों के 80 से अधिक शहरों में पहुंच चुका है। पूरे देश में चल रहे प्रदर्शनों के दौरान लगातार हिंसा हो रही है। इस हिंसा में 41 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस भी देश भर से 1200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
भाई की कब्र पर बहन ने काटे बाल
ईरान में हिंसा के बाद विरोध में महिलाओं द्वार बाल काटने का सिलसिला नहीं थम रहा है। हिंसा में मारे गए ईरानी नागरिक जवाद हैदरी की बहन ने भाई की कब्र पर अपने सिर के बाल काट कर ईरान सरकार की हिजाब नीति का विरोध किया। जावेद हैदरी को दफनाए जाने का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में हैदरी की मौत से दुखी महिलाएं उसकी कब्र पर फूल चढ़ाती दिख रही हैं। वहीं, हैदरी की बहन फूलों से ढकी कब्र के ऊपर विलाप करती हुई अपने बालों को चढ़ाती है, उसके पीछे शोकाकुल महिलाएं खड़ी हैं।
फ्रांस में प्रदर्शन, लंदन में गिरफ्तारी
ईरान में हिजाब की अनिवार्यता पर दुनिया भर में विरोध के स्वर मुखर हो रहे हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में हिजाब की अनिवार्यता के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस व प्रदर्शनकारियों की बीच झड़प हो गयी। पेरिस स्थित ईरान दूतावास की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। बाद में दंगा विरोधी बल तैनात कर स्थिति नियंत्रित की गयी। ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारी संख्या में लोगों ने ईरान की हिजाब नीति के विरोध में प्रदर्शन किया। उग्र लोगों ने ईरानी दूतावास पर धावा बोल दिया। इनमें से कई लोगों को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।