देश में ऐसे बहुत से दानवीर हैं जिन्होंने जीवन भर की कमाई को निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा के लिए अर्पित कर दिया। ऐसा कर वह देश-दुनियां में सेवा और समर्पण की अद्भूत मिसाल बने। ऐसी ही 25 उत्कृष्ट सेवा विभूतियों को सेवा भारती आगामी सात अक्टूबर को यहां डा. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित करेगी। उन्हें यह सम्मान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जन. (से.नि.) गुरमीत सिंह विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। वहीं कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय अधिकारियों के साथ सिविल सेवा व सेना के अधिकारी, उद्योगपति, समाजसेवी, वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक एवं बुद्धिजीवियों की मौजूदगी रहेगी।
कार्यक्रम में सेवा भारती द्वारा 25 सेवा विभूतियों को उनके अमूल्य सेवा कार्यों एवं सेवा कार्यों में सहयोग के लिए एक सेवा रत्न और 24 सेवा भूषण से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में लाभार्थियों द्वारा सहायता प्राप्ति के उपरांत उनके जीवन में आए सकारात्मक बदलावों को जानने का भी अवसर प्राप्त होगा। कार्यक्रम में सेवा के क्षेत्र में अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले लगभग 500 चयनित सेवा विभूतियों को भी आमंत्रित किया गया है।
इस संबंध में सेवा भारती के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति की वसुंधरा में महर्षि दधीची, राजा बलि, दानवीर कर्ण व भामाशाह समेत अनेक कोपलें फूटी जिन्होंने राष्ट्रसेवा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। भारतवर्ष में आज भी उस परंपरा का अनुसरण हो रहा है, जिसके आधार पर लाखों वंचितों व उपेक्षितों तक विभिन्न माध्यमों से सहायता और सहयोग पहुंच रहा है। समाज ऐसी सेवा विभूतियों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करता है।
उन्होंने कहा कि इसी परंपरा का अनुसरण करते हुए सेवा भारती 1979 से अपने ध्येय वाक्य ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ को आधार मानकर जन-कल्याण के प्रयासों में अनवरत लगी हुई है। अपने कुछ प्रयासों, जैसे सेवाधाम विद्या मंदिर, बालवाड़ी, गोपालधाम, डायलिसिस और डायग्नोस्टिक सेंटर, चल-चिकित्सालय, स्ट्रीट चिल्ड्रेन प्रोजेक्ट, महिला स्वावलंबन कार्यक्रम, कंप्यूटर शिक्षा, मातृछाया, अपराजिता और कुष्ठ निवारण आदि प्रकल्पों के माध्यम से वंचित व उपेक्षित समाज का जीवनस्तर उठाने का छोटा सा प्रयास कर रही है।