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जकात के पैसों से आतंक का नेटवर्क फैला रहा पीएफआई, पश्चिमी यूपी में है बड़ा नेटवर्क

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पूरे देश में नेटवर्क तैयार कर रहा है। इसके लिए मुस्लिम देशों से उसे फंडिंग की जाती है। यह फंड मुस्लिम देशों में जकात के नाम पर दिए जा रहे हैं, जो रीहैब फाउंडेशन के जरिए पीएफआई तक पहुंच रहा है। पीएफआई के निशाने पर सबसे अधिक नेपाल के सीमा से सटे जिले हैं। यहां इनका नेटवर्क गांव-गांव में खड़ा हो चुका है। हाल ही जिला पंचायत चुनाव में मुस्लिम बहुल इलाकों से इनके प्रत्याशियों ने दावा भी ठोंका था लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

एनआईए ने बृहस्पतिवार को देश भर में एक साथ पीएफआई के सौ से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें 106 लोगों को दबोचा गया। इस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष लखनऊ के इंदिरानगर निवासी वसीम अहमद भी टीम की गिरफ्त में आ गया। एनआईए अभी इनके नेटवर्क और कार्य करने के तरीकों के बारे में जानकारी जुटा रही है। खुफिया एजेंसी के मुताबिक पीएफआई ने हर तरफ अपना दायरा बढ़ाना शुरू किया है। इसमें राजनीतिक संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई), शैक्षणिक संस्थानाें में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) और पीएफआई खुद सामाजिक व धार्मिक मुद्दों पर मुखर होकर सामने आ रही है।

25 मुस्लिम देशों से आता है करोड़ों का फंड
रिहैब फाउंडेशन के करीब 25 मुस्लिम देशों में नेटवर्क हैं। वहां से उसके खाते में करोड़ों का फंड आता है। यह पैसा जकात (लोगों के कमाई का एक हिस्सा, जो धर्म के लिए दान दिया जाता है) का होता है। यह इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए दिया जाता है, लेकिन फाउंडेशन पीएफआई के  नेटवर्क को बढ़ाने के  लिए धर्म के नाम पर खर्च करता है। पीएफआई ने लखनऊ, बहराइच और सहारनपुर में सांप्रदायिकता की पाठशाला खोल रखी है। जानकारी के मुताबिक पीएफआई के खाते में अब तक 125 करोड़ रुपये जकात के नाम पर आ चुके हैं। इस मामले में ईडी ने रिहैब और पीएफआई के 33 बैंक खाते सीज कर चुका है।

पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी में है बड़ा नेटवर्क
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पीएफआई का पश्चिमी यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में सक्रिय नेटवर्क है। पूर्वांचल में नेपाल सीमा से सटे जिलों बहराइच, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, श्रावस्ती, गोंडा और बलरामपुर में सक्रिय सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बहराइच, श्रावस्ती व गोंडा में पंचायत चुनाव के दौरान राजनीतिक सक्रियता का भी प्रयास किया। अब पीएफआई के निशाने पर लखनऊ व बाराबंकी है। वसीम अहमद ने लखनऊ के साथ ही बाराबंकी, बहराइच, गोरखपुर, वाराणसी, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद और नोएडा में संगठन के लोगों के साथ कई कार्यक्रम कर चुका है। वह इसमें शामिल होकर लोगों को भड़काता था।

यूट्यूब चैनल से फैला रहे धार्मिक उन्माद
पीएफआई का यूट्यूब पर न्यूज चैनल है। इसे अब्दुल सलाम संचालित करता है। इस पर धार्मिक उन्माद से जुड़े समाचार प्रसारित कर लोगों को भड़काया जाता है। इसके लिए स्थानीय नेटवर्क का प्रयोग करता है। सुरक्षा एजेंसियां इस यूट्यूब चैनल की डिटेल खंगाल रही हैं।

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