नेपाल की राजधानी काठमांडू में आईएसआई एजेंट लाल मोहम्मद उर्फ मोहम्मद दर्जी की हत्या कर दी गई। भारत में जाली नोटों के बड़े आपूर्तिकर्ता ने कार से उतर कर भागने की कोशिश की तो उसे दौड़ा-दौड़ा कर गोलियां मारी गयीं। आईएसआई उसका इस्तेमाल में भारत में जाली नोटों की आपूर्ति के साथ आतंकी गतिविधियों के मददगार के रूप में भी करती थी।
काठमांडू के कागेश्वरी मनोहरा नगर पालिका क्षेत्र के गोथार में रह रहा लाल मोहम्मद कार से अपने घर जा रहा था। रास्ते में अज्ञात हमलावरों ने उसके सिर, पेट व सीने में गोलियां दाग दीं। गोलीबारी स्थल के पास लगे कैमरे की सीसीटीवी फुटेज के अनुसार मोटरसाइकिल पर आए दो अज्ञात हमलावरों ने लाल मोहब्बत पर गोली चलाई। लाल मोहम्मद ने कार से उतर कर भागने की कोशिश की तो उसे दौड़ा-दौड़ा कर गोलियां मारी गयीं। लाल मोहम्मद को कई गोलियां मारकर अपराधी भाग निकले। गंभीर अवस्था में जख्मी लाल मोहम्मद को महाराजगंज अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बताया गया कि लाल मोहम्मद पर गोलियां उसके घर के पास ही चलीं। उस पर गोलियां चलती देख उसे बचाने के लिए उसकी बेटी घर की छत से कूद गयी, किन्तु वह अपने पिता को बचा न सकी। लाल मोहम्मद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट था। वह पाकिस्तान व बांग्लादेश से भारतीय जाली मुद्रा मंगाकर नेपाल से भारत भेजता था। आईएसआई उसका इस्तेमाल में भारत में जाली नोटों की आपूर्ति के साथ आतंकी गतिविधियों के मददगार के रूप में भी करती थी। वह अन्य आईएसआई एजेंटों को नेपाल में शरण देने और उन्हें सभी संसाधन मुहैया कराने का काम करता था।
लाल मोहम्मद की गिनती नेपाल के हिस्ट्रीशीटर बदमाशों में होती थी। वर्ष 2007 में काठमांडू क्षेत्र के ही अनामनगर में जाली नोट कारोबारी पटुआ की हत्या के मामले में नेपाल पुलिस ने लाल मोहम्मद को गिरफ्तार किया था। उसे दस साल की सजा हुई थी। लाल मोहम्मद जुलाई 2017 में जेल से रिहा हुआ था। इसके बाद उसने कपड़ों का कारोबार शुरू किया था। पुलिस का दावा है कि उसकी हत्या गैंगवार के चलते की गई है।