भारतीय रेलवे में समपारों को हटाए का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है। अब तक, भारतीय रेलवे ब्रॉड गेज नेटवर्क पर सभी मानव रहित समपारों को हटा दिया गया है। मानव रहित समपारों को हटाने की गति 2009-14 के दौरान प्रति वर्ष 1137 से बढ़कर 2014-19 के दौरान अब औसतन 1884 प्रति वर्ष हो गई है।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, 1000 के लक्ष्य के मुकाबले अगस्त-22 के अंत तक अब तक 216 मानवयुक्त समपारों को हटा दिया गया है, जो कि इसी अवधि में वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान हासिल प्रगति की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2009-14 की अवधि के दौरान 199 मानवयुक्त समपारों को बंद कर दिया गया जिनकी संख्या 2014-22 के दौरान प्रति वर्ष 676 हो गई।
मानवयुक्त समपारों को समाप्त करने के कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण और रेलवे के संचालन (विशेषकर स्वर्णिम चतुर्भुज/डायगनल मार्गों और पहचाने गए मार्गों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे) में सुधार के लिए प्राथमिकताएं तय करके उन्मूलन कार्यों के 100 प्रतिशत निधियन के लिए नीति में परिवर्तन जैसे उपाय किए गए हैं।
हालांकि आरओबी/आरयूबी के निर्माण की लागत रेलवे और संबंधित राज्य सरकार द्वारा समान रूप से साझा की जा रही थी, हाल ही में वित्त पोषण प्रतिमान में बदलाव ने किसी भी पक्ष को अपनी आवश्यकता के आधार पर निर्माण की पूरी लागत वहन करने की अनुमति दे दी है। प्रगति में तेजी लाने के लिए राशि का आबंटन पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के 4500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 6500 करोड़ रुपये (44% की वृद्धि) कर दिया गया है।
पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण (आरओबी/आरयूबी):
समपारों को हटाने के तहत समपारों के स्थान पर पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। 2014-22 की अवधि के दौरान पुलों के ऊपर/नीचे सड़कों के निर्माण की प्रगति 1225 संख्या प्रति वर्ष है जो कि 2009-14 के दौरान 763 की तुलना में 61 प्रतिशत अधिक है। वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, अगस्त 2022 तक 250 सड़कों का पुल के ऊपर/नीचे निर्माण किया गया है जो इसी अवधि के लिए वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है।