पितृ पक्ष के मातृनवमी पर लगातार 09 साल से हो रहा श्राद्ध और पिंडदान
मोक्षतीर्थ काशी में गर्भ में मारी गयी अजन्मी और अभागी बेटियों को मोक्ष अधिकार मिला। सोमवार को गंगा तट दशाश्वमेध घाट पर गर्भ में मारी गयी बेटियों के मोक्ष की कामना के लिए ‘आगमन सामाजिक संस्था’ ने वैदिक रीति-रिवाज के साथ श्राद्ध कर्म किया।
आचार्य पं दिनेश शंकर दुबे के आचार्यत्व में पांच ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ये विशेष अनुष्ठान हुआ। संस्था के संस्थापक सचिव और श्राद्धकर्ता डॉ संतोष ओझा ने 13 हजार बेटियों का पिंडदान किया।
डाॅ ओझा ने बताया कि लगातार 09 वर्ष से ये आयोजन हो रहा है। संस्था हर साल पितृ पक्ष के मातृ नवमी तिथि को ये अनुष्ठान करती है। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में जहां बेटियां समाज में फाइटर प्लेन उड़ाने से लेकर देश के राष्ट्रपति पद की कमान संभाल रही है। दूसरी तरह अब भी कुछ लोग पुत्र मोह की चाह में गर्भ में लिंग का परीक्षण कर बेटियों की हत्या कर रहे हैं। ये भी वहीं अभागी और अजन्मी बेटियां है जिन्हे उन्हीं की माता-पिता ने इस धरा पर आने से पहले ही हत्या कर दी।
