प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए शनिवार को कहा कि नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है।
मध्य प्रदेश के श्योपुर में ‘स्वयं सहायता समूह सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने महिलाओं को अपनी ताकत और प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर वह अपने जन्मदिन पर मां से मिलते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं उनके पास नहीं जा सका, लेकिन आदिवासी क्षेत्रों और गांवों में कड़ी मेहनत करने वाली लाखों माताएं आज यहां मुझे आशीर्वाद दे रही हैं। उन्होंने कहा कि ये दृश्य देखकर मेरी मां को संतोष होगा कि भले बेटा आज यहां नहीं गया, लेकिन लाखों माताओं ने आशीर्वाद दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है। आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। शौचालय के अभाव में जो दिक्कतें आती थीं, रसोई में लकड़ी के धुएं से जो तकलीफ होती थी, वो आप अच्छी तरह जानती हैं। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्जवला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण उन्हें समाज में भी उतना ही सशक्त करता है। हमारी सरकार ने बेटियों के लिए बंद दरवाजे को खोल दिया है। बेटियां अब सैनिक स्कूलों में भी दाखिला ले रही हैं, पुलिस कमांडो भी बन रही हैं और फौज में भी भर्ती हो रही हैं।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का श्रेय देश की महिलाओं को देते हुए कहा कि जिस भी सेक्टर में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है वहां सफलता अपने आप तय हो जाती है। स्वच्छ भारत अभियान इसका बेहतरीन उदाहरण है।
पिछले आठ सालों में स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाये कदमों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देशभर में 8 करोड़ से अधिक महिलाएं इस अभियान से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार से कम से कम एक महिला को इस अभियान से जोड़ने का है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था में, महिला उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए, उनके लिए नई संभावनाएं बनाने के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ के माध्यम से हम हर जिले के लोकल उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत में विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को आज कुनो नेशनल पार्क में छोड़े जाने की जानकारी साझा करते हुए कहा कि आज इस मंच से पूरे विश्व को संदेश देना चाहता हूं कि आज जब करीब-करीब 75 वर्ष बाद आठ चीते देश की धरती पर लौट आए हैं। अफ्रीका से हमारे मेहमान आए हैं, इन मेहमानों के सम्मान में हम सभी इनका स्वागत करें। उन्होंने कहा कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है। अब से कुछ देर पहले मुझे कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला।
उन्होंने कहा कि सितंबर का ये महीना देश में पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। भारत की कोशिशों से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।