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केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मुंबई में 25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक को संबोधित किया, शून्य कार्बन उत्सर्जन की अवधारणा के प्रति वचनबद्धता दोहराई

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केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज मुंबई में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएंडएनजी) के तत्वावधान में उच्च प्रौद्योगिकी केंद्र (सीएचटी) द्वारा आयोजित 25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक को संबोधित किया। माननीय मंत्री महोदय ने अपने नागरिकों को ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला और देश के ऊर्जा मिश्रण को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया।

इससे पहले इस बैठक को रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स टेक्नोलॉजी मीट के रूप में जाना जाता था। इस वार्षिक ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक में भारत और विदेशों के 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ विश्व भर के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। इस बैठक का आयोजन इस वर्ष 15 से 17 सितंबर तक होगा, जो ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष प्रासंगिकता के हालिया विकास और तकनीकी विकास के प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करता है। “नए ऊर्जा युग में शोधन” विषय के अंतर्गत, 25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक देश में बदलते ऊर्जा परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करेगी।

सभा को संबोधित करते हुए, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक व्यवस्था से उत्पन्न अनूठी चुनौतियों के बावजूद, भारत शून्य कार्बन उत्सर्जन की अवधारणा से जुड़ा हुआ है और हाइड्रोकार्बन की दुनिया से परिवर्तन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां हरित और सतत ऊर्जा हमारी ऊर्जा जरूरतों का निर्धारण करेगी।

मंत्री महोदय ने कहा कि वैश्विक संकट के मद्देनजर, भारत ने तीन मोर्चों – ऊर्जा, भोजन और ईंधन पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। श्री पुरी ने कहा कि ऊर्जा की उपलब्धता और सामर्थ्य को सुनिश्चित करते हुए, देश वैश्विक बाधाओं द्वारा उत्पन्न हुए संकटों से एक हद तक आत्मविश्वास के साथ बाहर निकलने में सक्षम हुआ था। उन्होंने कहा कि देश की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत अभी वैश्विक औसत का एक तिहाई है और आने वाले वर्षों में इसे पार कर लेगी। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2030 में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 2047 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और इसलिए ऊर्जा मिश्रण को बदलने की आवश्यकता बढ़ रही है। उन्होंने हरित संक्रमण के प्रति वचनबद्धताओं को कमजोर नहीं होने देने के सरकार के संकल्प को दोहराया।

श्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा क्षेत्र में देश की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण एक विकल्प के बजाय अनिवार्यता हो गई है। मई 2022 तक, भारत पहले ही 10 प्रतिशत जैव ईंधन सम्मिश्रण प्राप्त कर चुका है, और एक या दो साल में 20 प्रतिशत अंक तक पहुंचने की राह पर है। उन्होंने कहा कि सरकार का रवैया हमेशा सकारात्मक और सहायक रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जब भी किसी ऐसे क्षेत्र पर ध्यान आकर्षित किया जाता है जहां अधिक सहायक वातावरण की गुंजाइश है, तो उसे उत्पन्न करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप किया जाएगा।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, रामेश्वर तेली ने भी उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित किया। श्री तेली ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में देश की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत तक बढ़ाने के सरकार के संकल्प के बारे में बताया, जो इसके वर्तमान हिस्से के 6 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने फैसला किया है कि वर्ष 2030 तक देश में 18 हजार संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने देश भर में सीएनजी और (पाइप्ड नेचुरल गैस) पीएनजी दोनों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कई अन्य उपायों को भी सूचीबद्ध किया।

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25वीं ऊर्जा प्रौद्योगिकी बैठक में कुल 82 वक्ता शामिल होंगे, जिनमें 43 विदेशी कंपनियों और 24 वक्ता विदेश के हैं, जो 15 तकनीकी सत्रों में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, प्रमुख तेल कंपनियों, प्रौद्योगिकी/सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनी प्रौद्योगिकी, उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन करते हुए 16 प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए गए हैं।

 

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