अंग्रेजी कैलेंडर के नौवें महीने की इस 13वीं तारीख को दिल्ली के लोग कभी नहीं भूल सकते। 13 सितंबर का जिक्र छिड़ते ही लोग सिहर उठते हैं। ठीक 14 साल पहले 13 सितंबर, 2008 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आतंकवाद का भयावह चेहरा देखने को मिला था। इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज इस तारीख को शनिवार था। इस दिन दिल्ली एक के बाद एक कई बम धमाकों से हिल गई थी।
दिल्ली के व्यस्ततम स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल पर आतंकवादियों ने चार बम विस्फोट किए गए थे। दिल्ली का दिल माने जाने वाले कनॉट प्लेस, करोल बाग की व्यस्त गफ्फार मार्केट और भीडभाड़ वाले ग्रेटर कैलाश-1 को दहशतगर्दों ने निशाना बनाया था। इन विस्फोटों में 21 लोगों की मौत हुई थी और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस आतंकी बर्बरता ने दिल्ली ही नहीं समचे देश को दहला दिया था। बम धमाकों से पहले आतंकियों ने एक बड़े मीडिया हाउस को ई-मेल के जरिए संदेश दिया था कि दिल्ली में पांच मिनट के अंदर धमाके होने वाले हैं। रोक सको तो रोक लो। यह मेल आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम से था। इससे पहले कि मेल पढ़ने वाले को कुछ समझ आता और वह पुलिस और एजेंसियों से इसे साझा कर पाता…तब तक दिल्ली दहल चुकी थी।
वैसे तो यह तारीख वैश्विक इतिहास में और भी कई कारणों से दर्ज है। मगर भारत-पाकिस्तान के टकराव के रूप में भी इसका जिक्र होता है। दरअसल 1947 में भारत को आजादी के साथ-साथ कई समस्याएं भी मिली थीं। इनमें से एक बड़ी समस्या रियासतों के विलय की थी। ज्यादातर रियासतें भारत में आसानी से शामिल हो गई थीं, लेकिन कुछ रियासतें ऐसी थीं जो आजादी की घोषणा कर चुकी थीं। इनमें से एक रियासत थी कश्मीर। इन रियासतों को भारत में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी सरदार पटेल को। कश्मीर के राजा हरी सिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्र रखने का फैसला लिया। हरी सिंह का मानना था कि कश्मीर यदि पाकिस्तान में मिलता है तो जम्मू की हिन्दू जनता के साथ अन्याय होगा और अगर भारत में मिलता है तो मुस्लिम जनता के साथ अन्याय होगा।
भारत की आजादी से दो महीने पहले तक लॉर्ड माउंटबेटन ने कश्मीर के राजा महाराजा हरी सिंह से कहा था कि यदि वे पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो भारत कोई दखल नहीं देगा। ये बात लॉर्ड माउंटबेटन के राजनीतिक सलाहकार रहे वीपी मेनन की किताब ‘इंटिग्रेशन ऑफ द इंडिया स्टेट्स’ में लिखी है। सरदार पटेल भी हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर देने के लिए राजी थे। 13 सितंबर, 1947 की सुबह पटेल ने रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर चाहे तो पाकिस्तान में शामिल हो सकता है। इसी दिन पटेल को जब पता चला कि पाकिस्तान ने जूनागढ़ के विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, तो वे भड़क गए। उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान, हिंदू बहुल आबादी वाले मुस्लिम शासक के जूनागढ़ को अपना हिस्सा बना सकता है तो भारत, मुस्लिम बहुल आबादी वाले हिंदू शासक के कश्मीर को क्यों नहीं ले सकता? उस दिन से कश्मीर पटेल की प्राथमिकता बन गया था।
आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब मीर उस्मान अली ने अपनी रियासत को आजाद रखने का फैसला लिया था। वो चाहता था कि हैदराबाद का संबंध सिर्फ ब्रिटिश सम्राट से ही रहे। हैदराबाद कांग्रेस चाह रही थी कि हैदराबाद का विलय भारत में हो। मगर इत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम का संगठन निजाम का समर्थन कर रहा था। पटेल ने 13 सितंबर 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद पर चढ़ाई करने का आदेश दिया। इसे ऑपरेशन पोलो के नाम से जाना जाता है। तीन दिन के भीतर ही भारतीय सेना ने हैदराबाद पर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन में 42 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। चार दिन बाद निजाम ने हैदराबाद के भारत में विलय की घोषणा की।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1791ः फ्रांस के राजा लुई14वें ने नया संविधान अंगीकार किया।
1882ः एंग्लो-मिस्र युद्ध: तेल अल केबिर की लड़ाई लड़ी गई।
1914: प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी और फ्रांस के बीच एस्ने की लड़ाई शुरू।
1922: लीबिया के एल अजिजिया में धरती पर उच्चतम तापमान दर्ज किया गया। उस समय छाया में मापा गया तापमान 58 डिग्री सेल्सियस था।
1923: स्पेन में सैन्य तख्ता पलट। मिगेल डे प्रिमो रिवेरा ने सत्ता संभाली। रिवेरा ने ट्रेड यूनियनों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
1933: एलिजाबेथ मेकॉम्ब्स न्यूजीलैंड की संसद में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने लिटिलटन से चुनाव जीता। इससे पहले यह सीट उनके पति के पास थी।
1947: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुसलमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया।
1948: भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री पटेल ने सेना को हैदराबाद में घुस कर कार्रवाई करने और उसे भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया।
2000: भारत के विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फिडे शतरंज विश्व कप जीता।
2002ः इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमला किया।
2005: सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के समर्थन में संयुक्त राज्य अमेरिका ने मानकों की घोषणा की।
2006: इब्सा (भारत-ब्राजील-साउथ अफ्रीका त्रिगुटीय संगठन) का पहला शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में शुरू।
2007: नेशनल एरोनॉटिक्स स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों ने 2007 में बृहस्पति से तीन गुना बड़े गृह का पता लगाया।
2008: दिल्ली में तीन स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल पर एक के बाद एक चार बम विस्फोट हुए।
2009: चंद्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान विफल।
2013: तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के हेरात में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया।
जन्म
1845ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष हैनरी कॉटन।
1909ः इंग्लैंड के फुटबॉलर रे बॉअडन।
1912ः अमेरिकी अभिनेत्री रीटा शॉ।
1926ः भारत की महिला क्रांतिकारी नगेन्द्र बाला।
1932ः प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका प्रभा अत्रे।
1939ः प्रसिद्ध कवि एवं निबंधकार भगवत रावत।
1946ः परमवीर चक्र सम्मानित मेजर रामास्वामी परमेश्वरन।
1960ः आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी।
1969ः ऑस्ट्रेलिया के ख्यातिलब्ध क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न।
निधन
1928ः भारत के प्रसिद्ध कवि श्रीधर पाठक।
1929ः भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी जतीन्द्रनाथ दास ।
1944ः टीपू सुल्तान की वंशज राजकुमारी और दूसरे विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन की गुप्तचर नूर इनायत खान।
1997ः हिन्दी फिल्मों के मशहूर गीतकार और शायर अंजान ।
2020ः बिहार की राजनीति में प्रभाव रखने वाले राजनीतिज्ञ रघुवंश प्रसाद सिंह।
2021ः मोहन बागान के दिग्गज फुटबॉलर भबानी रॉय।
2012ः भारत के 21वें प्रधान न्यायाधीश रंगनाथ मिश्रा ।
दिवस
विश्व भाईचारा एवं क्षमादान दिवस