केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र का सशक्त होना देश और समाज के लिए आवश्यक है। सरकार अकेले ही कोई काम करें, यह आदर्श स्थिति नहीं है, बल्कि जनभागीदारी से ही कार्य बेहतर संपन्न हो सकते हैं।
तोमर ने गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय एवं फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के बीच संयुक्त पहल के रूप में कृषि में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने वाली एक परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) का शुभारंभ किया। इस दौरान तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बीते आठ साल के कार्यकाल में 1500 से ज्यादा अनावश्यक कानून निरस्त कर देश के सिस्टम को सरल-सुचारू बनाया व जनसामान्य की कठिनाइयां दूर की हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप यह सोचना व इस पर काम करना चाहिए कि फिक्की जैसे संगठन देशहित में और क्या-कैसे कर सकते हैं। सोच व पद्धति बदलेगी तो परिवर्तन आएगा। सबके उद्देश्य तो पवित्र है लेकिन उन्हें शत-प्रतिशत जमीन पर उतारकर सार्थकता सिद्ध करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) आदर्श मॉडल है, जिसमें सभी को फायदा होता है, संबंधित क्षेत्र की प्रगति होती है और कुल मिलाकर देश का विकास होता है।
तोमर ने कहा कि व्यापारी-उद्योगपति वर्ग सशक्त व संगठित है, उनके पास सभी साधन है, ये कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित कर सकते हैं। सरकार अपने स्तर पर एक लाख करोड़ रुपये का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, दस हजार नए कृषक उत्पादक संघ (एफपीओ), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसे अनेकानेक उपायों से कृषि क्षेत्र को निरंतर मजबूत करने पर काम कर रही है। किसान संगठित हों, उनकी ताकत बढ़ें, नई तकनीक उन तक पहुंचे, वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित हों, उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होकर वैश्विक मानकों के अनुरूप हों, इन सब दिशा में सरकार के प्रयासों से किसान प्रवृत्त हो रहे हैं और सद्परिणाम आ रहे हैं। प्रसन्नता की बात है कि किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर किसान तो जागरुक हुए ही, फिक्की जैसे संगठन भी और सक्रिय हुए हैं व मेहनत कर रहे हैं।
तोमर ने अपेक्षा जताई कि सभी की सोच इस उद्देश्य में निहित होना चाहिए कि किसानों को ज्यादा लाभ कैसे हो सकता है और कृषि की ग्रोथ कैसे हो सकती है। कृषि क्षेत्र सशक्त होगा तो विपरीत परिस्थितियों में भी देश खड़ा रह सकेगा। इस संदर्भ में उन्होंने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि किसानों को आदान अधिक मुनाफे में नहीं बेचा जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के दौरान कृषि सचिव मनोज अहूजा, संयुक्त सचिव सैमुअल प्रवीण कुमार व फिक्की के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने भी विचार रखें। फिक्की के सलाहकार भास्कर एस. रेड्डी ने पीएमयू के संबंध में प्रस्तुति दी। पांडा ने तोमर को ग्रीन सर्टिफिकेट भेंट किया।