– हर विभाग से संबंधित समस्या को शार्टआउट कर उसके निदान के लिए हो रहा काम
किसानों की हर समस्या दूर हो इसके लिए सरकार दिन-रात प्रयास कर रही है। अब सरकार ने किसानों से ही किसानों की पहले एक-एक समस्या को जानने का फैसला किया है, जिससे जमीनी स्तर पर किसान समस्याओं का संपूर्ण निदान हो सके। समस्याओं को क्रमबद्ध अधिकारी पहले नोट करेंगे, फिर मंत्री देखकर उसका निदान करने का प्रयास करेंगे।
इस क्रम में शासन ने किसानों की होने वाली सेमिनारों के माध्यम से उनकी समस्याएं क्रमबद्ध नोट करने का फैसला लिया गया है। सेमिनारों में जुटे किसानों से उनकी खेती संबंधी समस्याओं के बारे में पूछा जाएगा, वह चाहे जिस विभाग से हो, उसे नोट किया जाएगा। फिर अधिकारी मिलकर उनमें से प्रमुख समस्याएं विभागवार छटनी करेंगे। उन्हें पहले मंत्री देखेंगे। फिर दूसरे विभागों की समस्याओं को उनके मंत्री के पास भेजा जाएगा। यदि योजनागत कोई विचार है तो उसे मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री के पास भेजेंगे। जिसे मंत्रीमंडल की बैठक में पास कराया जाएगा।
अभी छह सितम्बर को एक किसान गोष्ठी हुई थी, जिसमें हर किसान से उसके या आसपास के लोगों को खेती में आने वाली परेशानियों के बारे में जानकारी लगी गयी। अब अधिकारी इनको क्रमबद्ध कर रहे हैं। अब तक कुल 127 समस्याएं क्रमबद्ध की गयी हैं। इसमें कृषि विभाग से संबंधित 65, कृषि विपणन से तीन, श्रम से एक, पशुपालन विभाग से छह, उद्यान से 13, सिंचाई से 15, लघु सिंचाई से दो, वन से दो, खाद्य एवं रसद विभाग से चार, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास से चार, ऊर्जा विभाग से चार, मत्स्य विभाग से तीन, आवास एवं शहरी नियोजन और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास से एक-एक समस्या का शार्टआउट किया गया है। अब इन समस्याओं के निस्तारण के लिए सम्बधित विभागों को भेजा जाएगा, जहां हर संभव उसके निदान का प्रयास होगा।
इस संबंध में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सरकार धरातल पर उतरकर काम करना चाहती है। इस कारण किसानों की छोटी-छोटी समस्याओं को भी हम जानना चाहते हैं, जिससे उसका निदान किया जा सके। यह जानने के लिए सबसे अच्छा तरीका सेमिनार है, जहां प्रगतिशील किसान पहुंचते हैं। वहां से हम समस्याओं को जानेंगे, वह चाहे जिस विभाग से संबंधित हो, उसे सुलझाने का प्रयास करेंगे।