Search
Close this search box.

कोविड में अनाथ हुए बच्चों का मददगार बना जिला प्रशासन

Share:

कोविड के कारण अनाथ हुए हरोली विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले लोअर बढे़ड़ा निवासी दो नाबालिग बच्चों का जिला प्रशासन ऊना मददगार बन कर सामने आया है। इन बच्चों की माता का कोविड की चपेट में आने से देहांत हो गया था, जबकि यह बच्चे पहले ही अपने पिता को ह्रदय घात के कारण खो चुके थे। माता-पिता दोनों को खोने के बाद परिवार पर एक सोसाइटी से लगभग 1.50 लाख रुपए का ऋण था और दोनों पर इस ऋण को चुकाने की जिम्मेदारी थी। दोनों के पास आय का कोई साधन नहीं था, ऐसे में उपायुक्त राघव शर्मा ने स्वयं इस मामले में दखल देते हुए इनकी मुश्किल को दूर कर दिया है।

उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि मूल ऋण को माता श्री चिंतपूर्णी ट्रस्ट से अदा कर दिया गया है, जबकि सहकारी सभा ने ब्याज को माफ कर दिया है। इस प्रकार से अब दोनों बच्चों को ऋण अदायगी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों के भरण-पोषण के लिए हर प्रकार से सहायता करने का प्रयास कर रही है। दोनों को पालन पोषण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से फोस्टर केयर योजना के तहत 2500-2500 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

राघव शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ऊना ने इन बच्चों का प्रदेश सरकार की योजना हिमकेयर के तहत स्वास्थ्य बीमा के लिए पंजीकरण भी करवाया है, जिसमें अस्पताल में दाखिल होने पर पांच लाख रूपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि दोनों बच्चों को पीएम-केयर्स योजना से भी लाभ प्रदान किया जा रहा है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद इन्हें उच्च शिक्षा अथवा अपना रोजगार आरंभ करने के लिए 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news