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निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (आईईपीएफए) और नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने आईईपीएफए का छठा स्थापना दिवस मनाने के लिए संगोष्ठी आयोजित की

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आईईपीएफए की सीईओ अनीता शाह अकेला ने आईईपीएफए के स्थापना दिवस पर मुख्य भाषण दिया। श्रीमती अकेला ने निवेशकों को शिक्षित करने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला कि सभी हितधारकों को उनके वाजिब शेयरों, लाभांश और डिबेंचरों की गारंटी दी जाए।

अपने मुख्य भाषण के दौरान  श्रीमती अकेला ने कहा, ‘आईईपीएफए वर्ष ​​2016 में अपनी स्थापना के बाद से ही निवेशकों को शिक्षित करने और वित्तीय साक्षरता का प्रचार-प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। हम युवाओं, विशेषकर स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के बीच वित्तीय साक्षरता का प्रचार-प्रसार करने के लिए भी उत्सुक हैं,  ताकि वे उचित वित्तीय व्यवहार को अपनाने में सक्षम हो सकें और इसके साथ ही वयस्क होने पर तथ्‍यों अथवा सही सूचनाओं पर आधारित वित्तीय एवं निवेश निर्णय ले सकें। अत: आईईपीएफए एक अनूठा संगठन है, और हम निवेशकों को किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से बचाते हुए उनकी जरूरतों के प्रति अत्‍यंत संवेदनशील हैं। हमारे श्रोताओं में कामकाजी आबादी, छात्रों, ग्रामीण निवासियों, स्वयं सहायता समूहों सहित समाज के सभी वर्गों के लोगों की एक विस्तृत श्रृंखला और इसके साथ ही सब्जी विक्रेताओं एवं मछुआरों जैसे हाशिए पर पड़े वर्ग भी शामिल हैं।’

एनसीएईआर में आईईपीएफ चेयर प्रोफेसर और आरबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक डॉ. मृदुल सागर ने अपने संबोधन में निवेशकों के हित में आईईपीएफए द्वारा कार्यान्वयन के लिए परिकल्पित भावी नीतियों और तौर-तरीकों पर प्रकाश डाला।

डॉ. मृदुल सागर ने निवेशक संरक्षण के विभिन्न आयामों की चर्चा की जिनके तहत कॉरपोरेट गवर्नेंस के मुद्दों, डिजिटल एसेट और ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक एवं गवर्नेंस) में निवेश करने को कवर किया गया। उन्होंने बचत दर में उसके चरम स्‍तर पर 9.6 पीपीटी की तेज गिरावट और अर्थव्यवस्था में निवेश दर में उसके चरम स्‍तर पर 12.5 पीपीटी की तेज गिरावट की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिस वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की गति धीमी हो गई है। उन्होंने कहा, ‘बचत एवं निवेश दर को फि‍र से गति देने और इसे तेजी से बढ़ाने के लिए वित्तीय बाजारों का दायरा बढ़ाना और निवेशक संरक्षण एवं वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना अत्‍यंत आवश्‍यक है।’

पैनलिस्टों ने उपस्थित लोगों को संभावित धोखाधड़ी और खासकर बढ़ते डिजिटलीकरण के संदर्भ में बैंकिंग लेन-देन करने की बारीकियों के बारे में अवगत कराने के लिए आकर्षक और जीवंत (लाइव) उदाहरणों का इस्तेमाल किया। संगोष्ठी की विशेषता यह थी कि इस दौरान उपस्थित लोगों की इसमें सक्रिय भागीदारी रही और पैनलिस्टों एवं उपस्थित लोगों के बीच संवाद भी हुआ।

इस संगोष्ठी में निवेशक समुदाय, एनसीएईआर के संकाय, आईईपीएफए के कर्मचारियों, और विभिन्न कॉलेजों के अर्थशास्त्र एवं बिजनेस स्ट्रीम के छात्रों, इत्‍यादि ने बड़ी संख्‍या में भाग लिया।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन आईईपीएफए के सहयोग से एनसीएईआर में आईईपीएफ चेयर की स्थापना की गई है। डॉ. सागर निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण और वित्तीय क्षेत्र के सुधारों के बारे में चिंताओं सहित नियामकीय और सार्वजनिक नीतियों के व्यापक क्षेत्र में अनुसंधान और नीतिगत आउटरीच पर केंद्रित एक समूह का नेतृत्व करते हैं।

पैनलिस्टों ने साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. मृदुल सागर ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान डिजिटल अर्थव्यवस्था के विभिन्न मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समन्वय का मसला उठाना चाहिए।

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