Search
Close this search box.

यूपी की सियासत में नए मोर्चे की सुगबुगाहट, यादव बिरादरी को लामबंद करने की तैयारी

Share:

शिवपाल सिंह यादव।

दोनों नेता पहले यादव बिरादरी को लामबंद करेंगे। इनकी निगाह सपा और भाजपा से अलग-थलग पडे़ नेताओं पर है। नाम होगा सामाजिक एकजुटता का और काम होगा सियासी ताकत बढ़ाना। अगले चरण में अन्य छोटे दलों को जोड़ा जाएगा।  बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा यह मिशन सपा और भाजपा को तगड़ा झटका दे सकता है।

प्रदेश की सियासत में नए मोर्चे की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसका नेतृत्व करेंगे प्रसपा संस्थापक शिवपाल सिंह यादव और पूर्व सांसद डीपी यादव। दोनों नेता पहले यादव बिरादरी को लामबंद करेंगे। इनकी निगाह सपा और भाजपा से अलग-थलग पडे़ नेताओं पर है। नाम होगा सामाजिक एकजुटता का और काम होगा सियासी ताकत बढ़ाना। अगले चरण में अन्य छोटे दलों को जोड़ा जाएगा। बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा यह मिशन सपा और भाजपा को तगड़ा झटका दे सकता है। इसमें प्रदेश के करीब 250 यादव नेताओं को बुलावा भेजा गया है।

प्रदेश में यादव वोट बैंक करीब 12 फीसदी होने का दावा है। इसे मुलायम सिंह यादव ने सपा के झंडे तले गोलबंद किया। वक्त बदला, नई पीढ़ी आई और सियासत ने करवट ली। शिवपाल ने प्रसपा (लोहिया) बनाई। तो पूर्व सांसद डीपी यादव ने राष्ट्रीय परिवर्तन दल बनाया। विधानसभा चुनाव में शिवपाल सपा के विधायक बने, लेकिन अब राहें जुदा हैं। वहीं मुलायम सिंह बीमार हैं। उनकी पीढ़ी के तमाम यादव नेता अलग-थलग हैं। ज्यादातर सपा में तो कुछ भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ तमाशबीन बने हैं। ऐसे में इन नेताओं को शिवपाल यादव ने गोलबंद करने की रणनीति बनाई है। वह यदुकुल पुनर्जागरण मिशन के तहत इन्हें एक मंच पर लाने की कोशिश में हैं।

लखनऊ में मिशन की बैठक बृहस्पतिवार को है। इसमें डीपी यादव, बालेश्वर यादव, सुखराम यादव, मुलायम सिंह के समधी हरिओम यादव सहित तमाम पूर्व सांसद व पूर्व विधायक इकट्ठा होंगे। कार्यक्रम संयोजक शिवपाल यादव का कहना है कि मिशन का उद्देश्य यादव बिरादरी का उत्पीड़न रोकना है। शिवपाल इसे सियासत के बजाय सामाजिक संगठन का नाम दे रहे हैं, लेकिन सियासी नब्ज पर नजर रखने वालों का दावा है कि इस आयोजन के सियासी निहितार्थ हैं। यह गोलबंदी 2024 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर है। यह गोलबंदी भाजपा की ओर यादवों के बढ़ते कदम को रोकेगी तो सपा के मूल वोट बैंक में सेंधमारी होना तय है। ऐसे में देखना यह होगा कि यह मिशन कितना कारगर साबित होता है।

गौतमबुद्धनगर में बुना ताना-बाना
गौतमबुद्धनगर में पिछले सप्ताह डीपी यादव के पिता स्वतंत्रता सेनानी स्व. तेजपाल की प्रतिमा का अनावरण समारोह था। इसमें शिवपाल यादव, सुखराम यादव सहित प्रदेश के कई दिग्गज यादव नेता पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि यहां यादवों के साथ हुई विभिन्न घटनाओं पर चर्चा हुई। इसके बाद यदुकुल पुनर्जागरण मिशन की पृष्ठभूमि तैयार हुई।

प्रदेश में यादवों की सियासी स्थिति
सपा के टिकट पर शिवपाल सहित यादव बिरादरी के 23 विधायक सदन में पहुंचे हैं। दो एमएलसी के अलावा मुलायम सिंह यादव सांसद तो रामगोपाल राज्यसभा सदस्य हैं। भाजपा में यादव बिरादरी के दो विधायक, दो एमएलसी, दो राज्यसभा सदस्य और एक लोकसभा सदस्य हैं। बसपा का भी एक सांसद यादव है।

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news