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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा- पिछले 8 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की कल्याणकारी योजनाएं बिना किसी वोट बैंक की सोच के साथ जरूरतमंदों तक पहुंची हैं

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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि पिछले 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्याणकारी योजनाएं बिना किसी वोट बैंक की सोच के साथ जरूरतमंदों तक पहुंची हैं।

केंद्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में “लाभार्थियों” व पीआरआई, डीडीसी, बीडीसी और नगर परिषद के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ एक के बाद एक कई बैठकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गरीब हितैषी व जनकल्याणकारी योजनाओं में हर एक को इस तरह से डिजाइन किया गया कि यह जाति, पंथ, धर्म या किसी भी वोट की परवाह किए बिना आखिरी कतार के सबसे जरूरतमंद या अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन के अनुरूप है, जिसका मतलब है- अंतिम व्यक्ति का उदय।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब श्री नरेन्द्र मोदी ने मई, 2014 में सत्ता संभाली थी, तब देश की लगभग आधी जनसंख्या शौचालय, आवास, टीकाकरण, बिजली कनेक्शन और बैंक खातों जैसी सुविधाओं से वंचित थी। उन्होंने कहा कि सबके प्रयास से पिछले 8 वर्षों के दौरान केंद्र कई योजनाओं को लगभग 100 फीसदी संतृप्ति लाने में सफल रहा है, अमृत काल के अगले 25 वर्षों में भारत को विश्व में अग्रणी राष्ट्र बनाने का एक नया संकल्प लिया गया है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, हर घर जल, उज्ज्वला, शौचालय, जन धन, आयुष्मान जैसी नागरिक केंद्रित योजनाएं बिना किसी राजनीतिक और अन्य विचारों के ऐसे हर घर तक पहुंची हैं और इनमें “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के सिद्धांत का अनुपालन करके समाज के जरूरतमंद व वंचित वर्गों को लक्षित करने के लिए इनमें अत्यधिक सावधानी का ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहले के उलट, जब तुष्टिकरण की नीति प्रचलित थी, अब लोगों को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। मंत्री ने इस पर जोर दिया कि इन कल्याणकारी उपायों ने करोड़ों लोगों को काफी अधिक गरीबी के चंगुल से बाहर निकाला है और उन्हें एक सम्मान का जीवन प्रदान किया।

केंद्रीय मंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और उनके प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं का जरूरी संदेशवाहक कहा। उन्होंने कहा कि पंचों, सरपंचों के साथ-साथ प्रखंड और जिला परिषदों में निर्वाचित प्रतिनिधियों को आखिरी कतार के अंतिम व्यक्ति तक पिछले 8 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शुरू की गई गरीब और कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने और उसे हर एक योजना का लाभ प्रदान करने की स्थिति सुनिश्चित करने में एक विशिष्ट भूमिका निभाने का अवसर है।

केंद्रीय मंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे मोदी के नए भारत के सच्चे दूत हैं और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि एक भी योग्य नागरिक प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल जैसी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने से वंचित न रहें। उन्होंने इन प्रतिनिधियों से कहा कि वे जिला प्रशासन के साथ नजदीकी समन्वय में काम करें, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीबों के कल्याण की हर योजना से कोई भी न छूटें।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को पिछले आठ वर्षों के दौरान मोदी सरकार के विकास कार्यों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए क्षेत्र में कड़ी मेहनत करने और राष्ट्रीय मनोदशा को निराशा से आशावाद में रूपांतरित के लिए भी कहा। इसके अलावा मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि मोदी सरकार के खिलाफ आज तक भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगे हैं और प्रधानमंत्री मोदी एक पारदर्शी व वितरण-उन्मुख प्रशासन देने में सफल रहे हैं।

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