सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान बेंच ईडब्ल्यूएस आरक्षण और आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर 13 और 14 सितंबर को सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच ने यह आदेश दिया। चीफ जस्टिस के अलावा इस संविधान बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट, जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल हैं। याचिका में 2019 के ईडब्ल्यूएस आरक्षण कानून को चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने इस मामले में चार वकीलों को नोडल वकील नियुक्त किया है। यह वकील ईडब्ल्यूएस आरक्षण और मुस्लिमों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में आरक्षण देने वाली याचिकाओं में समान दलीलों पर गौर करेंगे। कोर्ट इन दोनों मामलों पर सुनवाई करने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में सिखों को अल्पसंख्यक आरक्षण देने के मामले पर भी विचार करेगा। इसके अलावा संविधान बेंच सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय और संविधान बेंचों में विभाजन करने और सुप्रीम कोर्ट की क्षेत्रीय बेंच बनाने की मांग पर भी सुनवाई करेगी। संविधान बेंच ने यह साफ किया है कि सबसे पहले वो आरक्षण के मसले की सुनवाई करेगी, क्योंकि इनमें कई मसले एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।