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तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई टली, 30 अगस्त को अगली सुनवाई

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Supreme Court defers hearing on Teesta Setalvad's bail plea to August 30

 

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश रचने और झूठे सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने 30 अगस्त को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। 22 अगस्त को कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था। तीस्ता को 2002 के गुजरात दंगे के मामले में फर्जी दस्तावेज के जरिये फंसाने के मामले में 26 जून को गिरफ्तार किया गया था। तीस्ता ने गुजरात हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर किया था। 2 अगस्त को गुजरात हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एसआईटी को नोटिस जारी कर सुनवाई की अगली तिथि 19 सितंबर तय की थी। इसके पहले 30 जुलाई को अहमदाबाद के सेशंस कोर्ट ने यह कहते हुए तीस्ता की जमानत याचिका खारिज कर दिया था कि उसने गुजरात सरकार को अस्थिर और बदनाम करने की नीयत से काम किया। सेशंस कोर्ट ने कहा था कि जाकिया जाफरी की ओर से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीस्ता के कहने पर ही शिकायत की गई थी। तीस्ता ने मोदी के खिलाफ जाकिया जाफरी का इस्तेमाल किया था।

बता दें कि 24 जून को सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 2006 में जाकिया जाफरी की शिकायत के बाद निहित स्वार्थों के चलते इस मामले को 16 साल तक जिंदा रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो लोग भी कानूनी प्रकिया के गलत इस्तेमाल में शामिल हैं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई होनी चाहिए।

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