शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और ममता बनर्जी के खासम खास रहे पार्थ चटर्जी से तृणमूल कांग्रेस हर तरह का संबंध खत्म करने की राह पर चल पड़ी है। सूत्रों के अनुसार विधायक के तौर पर उनके अकाउंट से जो चंदा हर महीने लिया जाता है अब उसे भी बंद किया जाएगा। इसके अलावा पार्टी फंड में भी उनसे कोई वित्तीय मदद नहीं ली जाएगी।
दरअसल गिरफ्तारी से पहले पार्थ चटर्जी तृणमूल के राज्य महासचिव थे और पार्टी के खाते का लेनदेन उन्हीं के जिम्मे था। इसके अलावा वह संसदीय कार्य मंत्री भी थे इसलिए तृणमूल विधायक दल के अकाउंट की देखरेख भी वह खुद करते थे। उनके साथ मंत्री फिरहाद हकीम भी इसमें भागीदार थे। विधानसभा में मौजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में तृणमूल विधायक दल का खाता है जिसमें सभी विधायक मासिक चंदा देते हैं। गिरफ्तारी के बाद भी पार्थ चटर्जी के अकाउंट से वित्तीय मदद ली जाती रही है। अब निर्णय लिया गया है कि इसे भी बंद किया जाएगा। पार्थ के जेल जाने के बाद ममता बनर्जी ने संसदीय कार्य विभाग शोभन देव चटर्जी को दिया है। अब शोभन देव ही विधायक दल के खाते की देखरेख कर रहे हैं।
जल्द ही शोभन देव, फिरहाद हकीम और ज्योतिप्रिय मल्लिक एक साथ पत्र लिखकर पार्थ के अकाउंट से आने वाली वित्तीय मदद को बंद करने की अर्जी बैंक को देने वाले हैं। ये तीनों मिलकर तृणमूल के खाते भी देखेंगे जो पहले फिरहाद और ज्योतिप्रिय के साथ मिलकर पार्थ चलाया करते थे।