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कुरु़क्षेत्र: डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की छेड़़छाड़़ से अनुसूचित जाति समाज में रोष

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डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की छेड़छाड़ से अनुसूचित जाति समाज में रोष

पलवल के गांव सौन्दहद में संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ से अनुसूचित जाति समाज में तीव्र रोष है। अनुसूचित जाति समाज ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ इस छेड़छाड़ को साजिश करार दिया है। श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला सभा के प्रधान सूरजभान नरवाल ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि ऐसा करने वालों की पहचान करके उनको सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में असामाजिक तत्व इस प्रकार से संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ ना कर सकें।

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ पिछले काफी समय से इस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही है जो कि चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगाई जाए। अगर ऐसा सरकार और प्रशासन करने में नाकाम रहता है ऐसे में आपसी भाईचारा खराब होने का खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एक समाज के नहीं बल्कि वे पूरे समाज के थे। उन्होंने विश्व का सबसे सुंदर संविधान बना कर देश को दिया और संविधान के अंदर सभी वर्गों को बराबर के हक और अधिकार दिए। आज उसी संविधान की बदौलत ही देश चल रहा है। इसलिए हम सबका दायित्व बनता है कि हम एक ऐसे देश सेवक की विचारधारा को अपनाए। ऐसा संकल्प लें कि हम भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जैसे बनें ।

उन्होंने पलवल के गांव सोनदहगढ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की निंदा करते हुए इसकी बड़े पैमाने पर जांच हो और जांच में सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी अगर छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो समाज चैन से नहीं बैठेगा बल्कि सड़कों पर उतरकर दोषियों की गिरफ्तारी और सजा की मांग करेगा।

आशा खबर / शिखा यादव 

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