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राजस्थान और विशेषकर मेवाड़ में इतिहास के पर्याय और भारतीय इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. कृष्ण स्वरूप गुप्ता का 7 अगस्त, रविवार को निधन हो गया। डाॅ. के.एस. गुप्ता उदयपुर में इतिहास अध्ययन के क्षेत्र में वरिष्ठतम् शिक्षक, आचार्य और विद्वान थे। विगत 60 वर्षों में उदयपुर और आस-पास के क्षेत्रों में इतिहास के जितने विद्वान तैयार हुए सभी उनसे शिक्षित, प्रशिक्षित और संरक्षित रहे। आज मेवाड़ क्षेत्र के किसी भी विश्वविद्यालय में देखें तो उनके ही पढ़ाए विद्यार्थी हमको शिक्षण करते दिखाई देंगे। मृदु भाषी, हास्य प्रेमी और सहज सरल भाषा में अपनी बात प्रस्तुत करने की कला उन्हें अन्य विद्वानों और इतिहासकारों से अलग बनाती थी। डाॅ. कृष्ण स्वरूप गुप्ता का जन्म 1932 में मेवाड़ राज्य के बनेड़ा में हुआ था। वे उदयपुर विश्वविद्यालय जो बाद में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय कहलाया, में प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए। 1960 से 2022 के बीच उन्होंने करीब 26 पुस्तक और 49 आलेखों का प्रकाशन किया। उन्होंने पुस्तकों का लेखन तीन भाषाओं में किया और आज ये पुस्तकें विश्व भर के 260 पुस्तकालयों में प्रदर्शित हैं। उन्होंने अपना शोध मेवाड़-मराठा सम्बंध पर किया और इसी विषय पर उन्हें पी.एस.डी. भी प्रदान की गई। उनकी लिखी गई प्रमुख पुस्तकों में मेवाड़ और मराठा संबंध (1735-1818), मराठाकालीन ऐतिहसिक दस्तावेज: बनेड़ा संग्रह (1805-1818), राजस्थान का राजनीतिक एवं संस्कृत इतिहास इतिहास, प्रारंभिक मध्ययुगीन काल से 1857 तक राजस्थान के इतिहास का परिचयःराजस्थान के इतिहास के स्रोत, सलेक्शन फ्राॅम बनेड़ा आर्काव्जः सिविल वाॅर इन मेवाड़, बनेड़ा संग्रहालय के अभिलेख, के.एस. गुप्ता और एल.पी. माथुर द्वारा संपादित, महाराणा प्रताप से संबंधित स्रोत एवं स्थान: दिवेर विजय, राजस्थान के इतिहासकार, मेवाड़ के इतिहास के अविस्मरणीय प्रसंग, बहुआयामी राष्ट्रनायक प्रताप आदि पुस्तकें शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की

केंद्र और राज्यों के बीच प्रमुख नीति संबंधी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में नीति आयोग की सातवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की।

नीति आयोग की शीर्ष संस्था शासी परिषद की बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्रियों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन रेड्डी शामिल रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मानिक शाह, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।

इसके अलावा बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, लद्दाख के उपराज्यपाल राधा कृष्ण माथुर भी मौजूद रहे।

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