इसके तहत अब सभी विभागों, निगमों, आयोगों और बोर्डों को हर महीने की पांच तारीख तक शासन को बताना होगा कि उन्होंने कितने लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। इसमें नियमित भर्ती, आउटसोर्सिंग, संविदा, स्वत: रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, मानव दिवस, अप्रेंटिस और निजी क्षेत्र शामिल हैं।
योगी सरकार ने रोजगार दिलाने के लिए ‘मिशन रोजगार’ को और गति देने का फैसला किया है। इसके तहत अब सभी विभागों, निगमों, आयोगों और बोर्डों को हर महीने की पांच तारीख तक शासन को बताना होगा कि उन्होंने कितने लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। इसमें नियमित भर्ती, आउटसोर्सिंग, संविदा, स्वत: रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, मानव दिवस, अप्रेंटिस और निजी क्षेत्र शामिल हैं।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया है। प्रदेश में भर्ती बोर्डों के जरिए सरकारी विभागों के रिक्त पद भरे जा रहे हैं तो एमएसएमई व अन्य विभागों के माध्यम से भी स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऋण मेला लगाकर स्वरोजगार के लिए भी कर्ज दिलाने का अभियान चल रहा है तो सेवा मित्र पोर्टल के जरिये भी रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। इन प्रयासों के बाद भी तय लक्ष्य के मुताबिक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मिशन रोजगार’ को तेज करने का फैसला करते हुए रोजगार मुहैया कराने में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है।
सरकार का मानना है कि इस पहल से राज्य में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के अभियान में तेजी आएगी। विभागों में रिक्त पद भरने के साथ ही एमएसएमई सेक्टर में लोगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे।
सेवायोजन पोर्टल पर देनी होगी जानकारी
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- विभागीय अधिकारियों को सेवायोजन पोर्टल पर बताना होगा कि कितने पद रिक्त हैं? तय माह में कितने प्रतिशत पद भरे गए?
- सभी विभागों को अब हर श्रेणी के रोजगार में वर्तमान महीने में की गई भर्ती, वर्तमान वित्तीय वर्ष में की गई कुल भर्ती का भी ब्योरा देना होगा। मानव दिवस की भी जानकारी जुटानी होगी।
- सेवा मित्र पोर्टल पर बताना होगा कि सरकारी दफ्तरों में विभिन्न मरम्मत आदि के कार्य कराने के लिए सेवा प्रदाताओं के जरिये कितने लोगों को कार्य दिया गया?
आशा खबर / शिखा यादव