झारखंड हाई कोर्ट में माइनिंग लीज और फर्जी कंपनी के मामले में सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है देश की सबसे बड़ी अदालत से
सुप्रीम कोर्ट माइनिंग लीज और फर्जी कंपनी के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हो रही सुनवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर मंगलवार (28 जुलाई) को सुनवाई करेगा। आज झारखंड सरकार ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
इससे पहले 17 जून को कोर्ट ने कोई आदेश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई होगी। 3 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिका के सुनवाई योग्य होने के मामले पर फैसला सुनाया था। झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार की इस दलील को खारिज कर दिया था कि याचिका दाखिल करते समय झारखंड हाई कोर्ट की नियमावली का पालन नहीं किया गया है। झारखंड सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने झारखंड हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दायर की है उसके पिता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दर्ज एक आपराधिक केस में गवाह थे। उस मामले में शिबू सोरेन को सजा मुकर्रर की गई थी।
24 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को राहत देते हुए झारखंड हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि वो पहले इस बात की पड़ताल करें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य है की नहीं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिले माइनिंग पट्टे की ईडी जांच कर रहा है। झारखंड हाई कोर्ट ने ईडी से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई रिपोर्ट को लेकर एक फैसला किया है। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दाखिल रिपोर्ट पर लिए गए आदेश को पलट दिया है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल