सदन में बुधवार को हंगामे के कारण प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं हो पाई। बैठक शुरू होते ही विपक्षी दलों के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर नहीं लौटे और नारेबाजी करते रहे।
सदस्यों के आचरण से नाराज अध्यक्ष बिरला ने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। सदन की नियम-प्रक्रियाएं सदस्यों ने ही बनाई हैं। नियमों में लिखा है कि सदस्य वेल में तख्तियां लेकर नहीं आएं।
उन्होंने कहा कि सदस्य अपने ही बनाए नियमों का पालना नहीं कर रहे। बिरला ने सदस्यों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे नहीं माने तो विवश हो उन्हें नियमों का पालना कराना पड़ेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए चर्चा करें। प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय करें। सदस्यों का हंगामा जनप्रतिनिधि के तौर पर उचित नहीं है।
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल