डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के पूर्वी शहरों गोमा और बुटेम्बो में संयुक्त राष्ट्र विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के दूसरे दिन मंगलवार को कम से कम 15 लोग मारे गए और लगभग 50 घायल हो गए। मरने वालों में सशस्त्र प्रदर्शनकारियों के साथ संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिक भी शामिल हैं। सशस्त्र विद्रोहियों के हमले में बीएसएफ के दो जवान भी शहीद हो गए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने गोमा में संयुक्त राष्ट्र की इमारतों में पत्थर फेंके और तोड़फोड़ कर आग लगा दी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों ने जवाबी फायरिंग की। इसमें दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। बताया गया है कि बुटेम्बो में हिंसक भीड़ ने मोरोक्को रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन को घेर लिया था। यहीं पर बीएसएफ की टुकड़ी तैनात थी। कांगों की पुलिस और सेना हालात पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवा में गोलियां दागी गईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बीएसएफ के जवानों ने धुएं के गोले दागे। बावजूद इसके हिंसा पर आमादा भीड़ ने बटालियन की दीवार तोड़कर सैनिकों पर हमला किया। सशस्त्र प्रदर्शनकारियों ने हमले में संयुक्त राष्ट्र बल के ठिकानों पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके। हमलावरों ने कांगो पुलिस से हथियार भी छीन लिए हैं और संयुक्त राष्ट्र कर्मियों पर गोलीबारी की है।
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के मारे जाने से आहत है।मंगलवार को सोशल मीडिया पर संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ व्यक्तियों और समूहों की शत्रुतापूर्ण टिप्पणियों और धमकियों से प्रेरित सैकड़ों हमलावरों ने गोमा के साथ-साथ उत्तरी किवु के अन्य हिस्सों में हमला किया है।
हक ने कहा है कि यह लोग लूटपाट भी कर रहे हैं। त्वरित प्रतिक्रिया बलों को भेजकर स्थिति को संभालने की कोशिश की जा रही है।
आशा खबर / शिखा यादव